सरकारी चाहती है कि ‘सवर्ण महिलाओं’ का प्रतिनिधित्व बढ़े, ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं का नहीं: ओवैसी

नयी दिल्ली, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक का विरोध किया और आरोप लगाया कि सरकार संसद में सिर्फ ‘सवर्ण महिलाओं’ का प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है तथा उसे अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) एवं मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की चिंता नहीं है। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने यह दावा भी किया कि यह विधेयक समावेशी नहीं है और यह कुछ खास लोगों के लिए है। उन्होंने सवाल किया कि ओबीसी और मुस्लिम समुदायों के लिए आरक्षण का प्रावधान क्यों नहीं किया गया? ओवैसी के अनुसार, संसद में ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है। उनका कहना था, ‘‘प्रधानमंत्री ओबीसी हैं, लेकिन आज सदन में ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व महज 20 प्रतिशत है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी सरकार चाहती है कि संसद में सवर्ण महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़े, ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं बढ़े…सरकार चाहती है कि संसद में बड़े लोग प्रवेश करें, वह नहीं चाहती कि छोटे लोग इस संसद में प्रवेश करें।’’ ओवैसी ने इस विधेयक को ‘चुनावी स्टंट’ भी करार दिया।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

%d bloggers like this: