सरकार ने कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण के लिए 6,400 करोड़ रुपये आवंटित किए: अधिकारी

नयी दिल्ली, सरकार ने खेती की लागत कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों के तहत वर्ष 2014-15 से कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण के लिए लगभग 6,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।  केंद्र ने किसानों को सब्सिडी पर 15 लाख से अधिक मशीनें और उपकरण भी उपलब्ध कराए हैं।

अधिकारी ने कहा, ‘‘वर्ष 2014-15 से दिसंबर 2023 के दौरान कृषि मशीनीकरण के लिए 6,405.55 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। किसानों को कुल 15,23,650 मशीनें और उपकरण सब्सिडी पर उपलब्ध कराए गए हैं।’’ इसके अलावा, किसानों को किराये पर कृषि मशीनें और उपकरण उपलब्ध कराने के लिए 23,018 कस्टम हायरिंग सेंटर, 475 हाई-टेक हब और 20,461 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए गए हैं।

अधिकारी ने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को भी बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है। कृषि में ड्रोन का उपयोग कैसे किया जाए, इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है। इस तकनीक को किसानों और इस क्षेत्र के अन्य पक्षों के लिए किफायती बनाने के लिए, किसानों के खेतों पर इसके प्रदर्शन के लिए आकस्मिक व्यय के साथ-साथ ड्रोन की 100 प्रतिशत लागत पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘अब तक किसान ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए 141.41 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।’’ इसके अलावा, सरकार ने हाल ही में 1,261 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वर्ष 2024-25 से वर्ष 2025-26 की अवधि के लिए महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) को ड्रोन प्रदान करने के लिए एक योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का लक्ष्य कृषि उद्देश्यों (उर्वरकों और कीटनाशकों के अनुप्रयोग) के लिए किसानों को किराये की सेवाएं प्रदान करने के लिए 14,500 चयनित महिला स्वयं सहायता समूह को ड्रोन प्रदान करना है।

अधिकारी ने कहा कि इस योजना के तहत, ड्रोन की खरीद के लिए महिला एसएचजी को ड्रोन की लागत का 80 प्रतिशत और सहायक उपकरण/सहायक शुल्क पर अधिकतम आठ लाख रुपये तक केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। कृषि बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए मध्यम-दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण सुविधा जुटाने के लिए, वर्ष 2020 में एक लाख करोड़ रुपये का कृषि बुनियादी ढांचा कोष (एआईएफ) शुरु किया गया था।

इस वित्तपोषण सुविधा के तहत सभी ऋणों पर दो करोड़ रुपये की सीमा तक प्रति वर्ष तीन प्रतिशत की ब्याज छूट है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘अब तक, एआईएफ के तहत 51,694 परियोजनाओं के लिए 37,099 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसमें से 27,782 करोड़ रुपये की कुल स्वीकृत राशि योजना के लाभों के तहत कवर की गई है। इन स्वीकृत परियोजनाओं ने कृषि क्षेत्र में 62,653 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया है।’’ अधिकारी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने फसल उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार पर ध्यान दिया है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को उनकी मिट्टी में पोषक तत्वों की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है, साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य और इसकी उत्पादकता में सुधार के लिए लागू किए जाने वाले पोषक तत्वों की उचित खुराक पर सिफारिशें भी प्रदान करता है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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