सिनेमा को लेकर उत्तर बनाम दक्षिण की बहस करना व्यर्थ : आर माधवन

मुंबई, अभिनेता आर माधवन का कहना है कि सिनेमा को लेकर उत्तर बनाम दक्षिण की बहस में पड़ना व्यर्थ है क्योंकि फिल्म उद्योग में चीजें लगातार बदल रही हैं और कोई भी यह अनुमान नहीं लगा सकता कि किसी फिल्म को दर्शकों की कैसी प्रतिक्रिया मिलेगी।

वर्ष 2022 में अब तक केवल तीन हिंदी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कारोबार किया है और सफल साबित हुई हैं, जिसमें ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’, ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘भूल भुलैया 2’ शामिल हैं, जबकि एस एस राजामौली की तेलुगु फिल्म ‘आरआरआर’, कन्नड़ एक्शन फिल्म ‘केजीएफ चैप्टर 2’ और अभिनेता अल्लू अर्जुन की तेलुगु फिल्म ‘पुष्पा’ ने उत्तर भारत में बॉक्स ऑफिस पर कारोबार करने के नए रिकॉर्ड बनाए हैं।

माधवन ने अपनी फिल्म ‘रॉकेटरी : द नम्बी इफेक्ट’ के प्रचार के दौरान एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह विश्लेषण करना व्यर्थ है कि दक्षिण की फिल्में हिंदी भाषी क्षेत्रों में अच्छा कारोबार क्यों कर रही हैं।

माधवन (52) ने कहा, “सिनेमा को लेकर उत्तर बनाम दक्षिण की बहस में पड़ना और उसका विश्लेषण करना व्यर्थ है। अगर आपको लगता है कि सफल होने का कोई एक नियम है, तो फिल्म जगत में हर दिन परिदृश्य बदलता रहता है और आप पर सब कुछ गंवा देने का खतरा होता है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले वर्षों और दिनों में कई अन्य फिल्में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगी और नये मानक स्थापित होंगे। मुझे नहीं लगता कि हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि किसी फिल्म को दर्शकों की कैसी प्रतिक्रिया मिलेगी।”

माधवन का मानना है कि उत्तर भारत में दक्षिण की फिल्मों की लोकप्रियता का मतलब यह नहीं है कि हिंदी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही हैं।

अभिनेता ने कहा कि ‘बाहुबली’ , ‘आरआरआर’, ‘केजीएफ’ और ‘पुष्पा’ ऐसी फिल्में हैं जिन्होंने हिंदी फिल्मों से ज्यादा कमाई की है क्योंकि इन फिल्मों में काम करने वाले कलाकारों के प्रशंसक पूरे भारत में हैं।

अभिनेता का मानना ​​है कि कोविड-19 महामारी ने दर्शकों के फिल्म देखने के नजरिए और तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है।

माधवन ने कहा कि ‘आरआरआर’ और ‘पुष्पा’ जैसी दक्षिण की फिल्मों की सफलता का श्रेय एनटीआर जूनियर, राम चरण, अल्लू अर्जुन जैसे अभिनेताओं की प्रतिबद्धता और उनकी कड़ी मेहनत को भी दिया जाना चाहिए।

माधवन ने ‘रॉकेटरी : द नम्बी इफेक्ट’ में अभिनय करने के अलावा इसका निर्देशन भी किया है और फिल्म की पटकथा भी लिखी है।

यह फिल्म भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व वैज्ञानिक और एयरोस्पेस इंजीनियर नम्बी नारायणन के जीवन पर आधारित है, जिन पर जासूसी का झूठा आरोप लगाया गया था।

‘रॉकेटरी : द नम्बी इफेक्ट’ एक जुलाई को कई भाषाओं में सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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