सीओपी28: हिलेरी क्लिंटन ने भारत में जलवायु लचीलेपन की वकालत की

दुबई, अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भारत में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का विशेष रूप से जिक्र करते हुए लैंगिक आधार पर उत्तरदायी जलवायु नीतियों की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

             रविवार को वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन सीओपी28 में ‘समुदायों को सशक्त बनाना: जलवायु लचीलेपन के केंद्र में महिलाएं’ विषय पर एक सत्र को संबोधित करते हुए क्लिंटन ने कहा कि मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन से प्रेरित अत्यधिक गर्मी आजीविका, मानव स्वास्थ्य और सामाजिक ताने-बाने के लिए एक शक्तिशाली व तेजी से बढ़ने वाला खतरा है, और इसके प्रभाव महिलाओं के लिए बेहद हानिकारक हैं।

             उन्होंने भारत में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर विशेष जोर देते हुए लैंगिक आधार पर उत्तरदायी जलवायु नीतियों की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

             हिलेरी ने कहा, “इसलिए अत्यधिक गर्मी को खासकर भारत में बदलती जलवायु के सबसे खतरनाक परिणामों में से एक के रूप में देखा जाना चाहिए। यह हो रहा है, और हम जानते हैं कि यह हो रहा है। और जब हम बड़े बदलाव खोजने की कोशिश कर रहे हैं तो हमें इस बात की चिंता करनी होगी कि करोड़ों लोगों, खासकर भारत में महिलाओं के साथ जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है।”

            उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक स्वास्थ्य मुद्दा नहीं है; यह एक आर्थिक मुद्दा है, एक सामाजिक मुद्दा है, एक राजनीतिक मुद्दा है।”

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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