सीबीआई ने शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में जयहिंद चैनल के एमडी का बयान दर्ज किया

तिरुवनंतपुरम, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बेंगलुरु में कांग्रेस संचालित ‘जयहिंद टीवी’ चैनल के प्रबंध निदेशक (एमडी) को तलब किया है और पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में उनका बयान दर्ज किया है। संपर्क किये जाने पर केरल के समाचार चैनल के प्रबंध निदेशक बी एस शिजू ने कहा कि वह मंगलवार को सीबीआई अधिकारियों के समक्ष पेश हुए क्योंकि जांच एजेंसी ने उन्हें बुलाया था। सीबीआई ने 19 जुलाई को चैनल को एक नया नोटिस जारी कर शिवकुमार द्वारा चैनल में किए गए निवेश का ब्योरा मांगा था। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री द्वारा आय से अधिक संपत्ति मामले में उनके खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी को चुनौती देने वाली याचिका को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के कुछ दिन बाद यह नोटिस जारी किया गया था। शिजू ने कहा कि वह एजेंसी के कार्यालय में लगभग एक घंटे तक रहे और उन्होंने मांगे गए सभी दस्तावेज उपलब्ध करा दिए। उन्होंने कहा कि छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। केरल में कांग्रेस नेता शिजू ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा ‘‘हां डी के शिवकुमारजी ने हमारे चैनल में निवेश किया है। इसमें कुछ भी गैर कानूनी नहीं है। सब कुछ कानूनी शर्तों के तहत किया गया। सौदे के सभी रिकॉर्ड हमारे पास हैं। मैंने मांगे गए दस्तावेज जमा कर दिए हैं और अधिकारियों के सवालों पर स्पष्टीकरण दे दिया है।’’ उन्होंने कहा कि सीबीआई ने शिवकुमार के परिवार के सदस्यों के निवेश को लेकर भी स्पष्टीकरण मांगा है। शिजू ने कहा ‘‘न तो डी के शिवकुमार की पत्नी और न ही बच्चों ने चैनल में कोई निवेश किया है। मैंने अधिकारियों के समक्ष यह बात स्पष्ट कर दी है।’’ सीबीआई ने शुरू में नोटिस जारी किया था और शिजू को इस संबंध में सभी विवरणों के साथ 11 जनवरी को उपस्थित होने को कहा था। इसके बाद 19 जुलाई 2024 को एक और नोटिस भेजा गया जिसमें शिजू को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा गया था। सीबीआई ने 2020 में शिवकुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि 2013 से 2018 के बीच उन्होंने 74 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की थी जो कथित तौर पर उनकी आय से अधिक है। इस अवधि के दौरान वह पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे। सीबीआई ने तीन सितंबर 2020 को प्राथमिकी दर्ज की थी। शिवकुमार ने 2021 में प्राथमिकी को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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