सुनिश्चित करूंगी कि 21वीं सदी की प्रतिस्पर्धा में चीन नहीं, अमेरिका की जीत हो: हैरिस

 शिकागो (अमेरिका)  अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा है कि अगर वह अमेरिका की राष्ट्रपति चुनी जाती हैं  तो वह सुनिश्चित करेंगी कि ‘‘21वीं सदी की प्रतिस्पर्धा’’ में चीन नहीं  बल्कि अमेरिका की जीत हो और दुनिया का नेतृत्व करने की उसकी भूमिका मजबूत हो।

हैरिस ने नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी बृहस्पतिवार रात औपचारिक रूप से स्वीकार कर ली। चुनाव में हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार एवं पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ी टक्कर है।

भारतीय-अफ्रीकी मूल की हैरिस ने शिकागो में ‘डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन’ के दौरान उम्मीदवारी स्वीकार की और इसी के साथ वह राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने वाली डेमोक्रेटिक पार्टी की दूसरी महिला नेता बन गईं। हैरिस (59) अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए किसी प्रमुख दल की उम्मीदवार बनने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी और पहली अश्वेत महिला हैं।

शिकागो के ‘यूनाइटेड सेंटर’ में उम्मीदवारी स्वीकार करने के लिए मंच पर आईं हैरिस ने कहा कि वह ‘‘अवसर आधारित ऐसी अर्थव्यवस्था’’ बनाएंगी  जहां हर किसी को प्रतिस्पर्धा करने और सफल होने का मौका मिलेगा।

हैरिस (59) ने कहा  ‘‘मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि हम अंतरिक्ष और कृत्रिम मेधा के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करें तथा 21वीं सदी की प्रतिस्पर्धा में चीन नहीं  बल्कि अमेरिका की जीत हो और हम दुनिया का नेतृत्व करने वाले देश के तौर पर अपनी भूमिका को छोड़ने के बजाय उसे मजबूत करें।’’

उन्होंने कहा  ‘‘चाहे आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हों  छोटे शहर में या बड़े शहर में… राष्ट्रपति के रूप में  मैं श्रमिकों एवं कर्मचारियों  छोटे व्यवसाय के मालिकों एवं उद्यमियों और अमेरिकी कंपनियों को एक साथ लाऊंगी  ताकि नौकरियां पैदा की जा सकें। मैं हमारी अर्थव्यवस्था का विस्तार करूंगी और स्वास्थ्य सेवा  आवास और किराने का सामान जैसी रोजमर्रा की जरूरतों की लागत कम करूंगी।’’

हैरिस ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि वह मध्यम वर्ग के लिए नहीं  बल्कि अपने और अपने अरबपति दोस्तों के लिए चुनाव लड़ते हैं। उन्होंने आव्रजन प्रणाली में सुधार का भी आह्वान किया।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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