सुरेश गोपी अपने विचार रखने के हकदार, पार्टी चाहती है मुकेश इस्तीफा दें : भाजपा नेता

त्रिशूर/तिरुवनंतपुरम, अभिनेताओं और निर्देशकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के हालिया आरोपों के संबंध में मीडिया पर फिल्म उद्योग के बारे में जनता को गुमराह करने का आरोप लगाने वाली केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी की टिप्पणी को लेकर मंगलवार को विवाद खड़ा हो गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केरल इकाई के नेता उनके रुख से असहमत हैं। त्रिशूर में अभिनेता और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक एम मुकेश पर लगे आरोपों के बारे में पूछे जाने पर गोपी ने पत्रकारों से कहा कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है और वह इस पर फैसला लेगी। उन्होंने कहा ‘‘आप (मीडिया) न केवल अपने फायदे के लिए लोगों को एक-दूसरे से लड़वा रहे हैं बल्कि जनता को भी गुमराह कर रहे हैं। शिकायतें फिलहाल आरोपों की शक्ल में हैं। आप लोगों को क्या बता रहे हैं क्या आप अदालत हैं नहीं आप नहीं हैं। अदालत फैसला करेगी। अदालत को फैसला करने दीजिए।’’ इसके बाद भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि एक अभिनेता और मंत्री के रूप में गोपी अपनी निजी राय व्यक्त करने के हकदार हैं लेकिन पार्टी का रुख यह है कि मुकेश को इस्तीफा दे देना चाहिए। तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से मुखातिब सुरेंद्रन ने कहा ‘‘पार्टी का रुख वही होता है जो पार्टी नेतृत्व तय करता है।’’ टीवी चैनल पर प्रसारित दृश्यों के अनुसार जब पत्रकारों ने सुरेंद्रन के बयान पर गोपी की टिप्पणी लेनी चाही तो उन्होंने गुस्से में उनमें से कुछ को धक्का दे दिया। दृश्यों के मुताबिक जब गोपी अपने आधिकारिक वाहन में बैठने की कोशिश कर रहे थे तब कुछ पत्रकार उनके पास पहुंचे जिसके बाद उन्होंने उन्हें यह कहते हुए धक्का दे दिया ‘‘यह क्या है कहीं भी जाना मेरा अधिकार है। कृपया हटिए।’’ इसके बाद वह कार के अंदर बैठ गए और पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब दिए बिना चले गए। इससे पहले गोपी ने आरोपों को मीडिया के लिए ‘‘भोजन’’ करार दिया था और कहा था कि इससे पैसा कमाने के लिए उनका स्वागत है। हालांकि केंद्रीय पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस एवं पर्यटन राज्य मंत्री ने कहा कि उन्हें सिनेमा जैसे इतने बड़े उद्योग को तबाह करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। गोपी ने कहा था ‘‘यह सब आपके लिए भोजन की तरह है ऐसा मैं समझता हूं। आप इसका उपयोग पैसे कमाने के लिए कर सकते हैं। इससे कोई समस्या नहीं है। लेकिन ये मुद्दे अदालत के समक्ष विचाराधीन हैं और उसके पास इनके संबंध में निर्णय पर पहुंचने के लिए बुद्धिमत्ता और तर्क शक्ति है।’’ उनकी यह प्रतिक्रिया युवा मोर्चा द्वारा कोल्लम में मुकेश के आवास की ओर मार्च निकाले जाने के एक दिन बाद आई है। मलयालम फिल्म उद्योग में उत्पीड़न और दुर्व्यवहार पर न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट सामने आने के बाद कई अभिनेत्रियों ने पुरुष सहयोगियों पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है। इन आरोपों के बीच सरकार ने हेमा समिति की रिपोर्ट के मद्देनजर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल की स्थापना की घोषणा की।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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