स्वयं के बारे में सोचने वाला व्यक्ति संत नहीं हो सकता : योगी आदित्यनाथ

मुंबई, बंबई उच्च न्यायालय ने निलंबित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सौरभ त्रिपाठी को आंगडिया (पारंपरिक कोरियर) जबरन वसूली मामले में मंगलवार को अग्रिम जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एकल पीठ ने कहा कि त्रिपाठी ने जांच में सहयोग किया है और पुलिस पहले ही मामले में आरोप पत्र दायर कर चुकी है।

त्रिपाठी ने एक सत्र अदालत की ओर से उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

दक्षिण मुंबई में एलटी मार्ग पुलिस ने 19 फरवरी को जबरन वसूली मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें 2010 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी त्रिपाठी सहित चार पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया था।

इस मामले में एलटी मार्ग थाने के एक निरीक्षक, एक सहायक निरीक्षक और एक उप निरीक्षक को गिरफ्तार किया गया था। वे अभी जमानत पर बाहर हैं।

त्रिपाठी ने अपनी याचिका में दावा किया कि वह बेगुनाह हैं और उन्हें तत्कालीन पुलिस आयुक्त संजय पांडे ने फंसाया है, क्योंकि पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ विशेष जांच दल का नेतृत्व करने से इनकार कर दिया था।

दक्षिण मुंबई में आंगडिया एसोसिएशन ने पिछले साल दिसंबर में एक शिकायत देकर आरोप लगाया गया था कि सौरभ त्रिपाठी ने उनसे व्यवसाय सुचारू रूप से चलाने देने के लिए रिश्वत के रूप में प्रतिमाह 10 लाख रुपये की मांग की थी।

आंगडिया पारंपरिक कोरियर होते हैं जो व्यापारियों द्वारा भेजे गए नकद को एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचाते हैं। आंगडिया व्यवस्था का मुख्यत: इस्तेमाल ज़ेवरात के कारोबार में होता है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

%d bloggers like this: