हमारे पास गंवाने के लिये अब समय नहीं, पेटेंट छूट प्रस्ताव पर जुलाई तक बातचीत पूरी करें: भारत

नयी दिल्ली, भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) सदस्य देशों को कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये बौद्धिक संपदा के प्रावधानों में अस्थायी छूट देने को लेकर जून के मध्य से विधि सम्मत मसौदा आधारित बातचीत शुरू करने का सुझाव दिया है। उसने यह भी कहा कि हमारे पास गंवाने को अब समय नहीं है और सभी को बातचीत जुलाई अंत तक निष्कर्ष पर पहुंचाने को लेकर काम करना चाहिए।

भारत ने व्यापार संबंधित पहलुओं से जुड़े बौद्धिक संपदा अधिकार (ट्रिप्स) प्रावधानों में छूट को लेकर जिनेवा में 8-9 जून को ट्रिप्स परिषद की औपचारिक बैठक में अपने बयान में कहा कि देश प्रस्ताव की हर पहलू पर बातचीत को तैयार है। इस संदर्भ में किसी भी रूप में चाहे वह पूर्ण बैठक हो या छोटे समूह की बैठक, बातचीत को तैयार है।

बयान के अनुसार, ‘‘हम इस औपचारिक बैठक के बाद यानी जून के मध्य तक बातचीत शुरू करना चाहेंगे। दुनिया के विभिन्न देशों में महामारी की दूसरी और तीसरी लहर की विकरालता को देखते हुए, हमासे पास अब गंवाने के लिये समय नहीं है। हम जुलाई अंत तक बातचीत को निष्कर्ष पर पहुंचाने को लेकर गंभीर है…।’’

उल्लेखनीय है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्टूबर 2020 में कोविड-19 की रोकथाम और उपचार को लेकर ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों से अस्थायी तौर पर डब्ल्यूटीओ सदस्य देशों के लिये छूट देने को लेकर पहला प्रस्ताव दिया था।

इस साल मई में भारत, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया समेत 62 देशों ने संशोधित प्रस्ताव दिये।

ट्रिप्स समझौता जनवरी 1995 में लागू हुआ था। यह कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, अघोषित सूचना या व्यापार संबंधी गोपनीय जानकारी की सुरक्षा जैसे बौद्धिक संपदा अधिकारों को लेकर किया गया बहुपक्षीय समझौता है।

भारत ने बयान में कहा, ‘‘हम आग्रह करते हैं कि हमारे पास समय बहुत कम है। हमने जिस तरीके से मत्स्यन के मामले को अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचाने के बातचीत की, उसी तरह रोजाना इस बारे में बातचीत कर सकते हैं।’’ इसमें हीला-हवाली से नुकसान ही होगा।

बयान के अनुसार अगर किसी सदस्य देशों के मन में कोई शंका है और प्रस्ताव को लेकर चिंता है, भारत उनसे विधि सम्मत प्रस्ताव पर वार्ता से जुड़ने तथा बातचीत के जरिये शंकाओं के समाधान का आग्रह करता है।

परिषद भारत और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव पर आम सहमति से विधि सम्मत मसौदा आधारित बातचीत को सहमत हुई है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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