नयी दिल्ली, राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने पर्यावरण और वन मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह विभिन्न परियोजनाओं और उद्योगों को दी गयी पर्यावरण मंजूरी में तय शर्तों का पालन सुनिश्चित करने को निगरानी तंत्र को बेहतर बनाने के लिए तत्काल कदम उठाए।
अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने पर्यावरण मंत्रालय से ‘बी’ और ‘बी-1’ श्रेणी की परियोजनाओं की उचित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए राज्यों में जिला पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण के गठन पर समुचित ध्यान देने को कहा।
‘बी’ श्रेणी की परियोजनाओं को राज्य सरकार से मंजूरी चाहिए होता है जबकि ‘बी1’ श्रेणी की परियोजनाओं को पर्यावरण प्रभाव आकलन की जरुरत होती है और उसे जनता की सलाह की प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ता है।
पीठ ने कहा कि अन्य कदमों के अलावा पर्यावरण मंत्रालय को समयबद्ध तरीके से निगरानी के लिए अपने तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है।
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया