हाथरस भगदड़ मामले में छह लोग गिरफ्तार, मुख्य आरोपी सेवादार पर एक लाख का इनाम घोषित

हाथरस (उप्र), उत्तर प्रदेश के हाथरस भगदड़ कांड के सिलसिले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी तथा सेवादार पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।

             अलीगढ़ संभाग के पुलिस महानिरीक्षक शलभ माथुर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पिछले मंगलवार को हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र स्थित फुलरई गांव में आयोजित हरिनारायण साकार विश्वहरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में अब तक दो महिला सेवादारों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

             उन्होंने बताया कि मामले के प्रमुख अभियुक्त और मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है। उसके खिलाफ जल्द ही गैर जमानती वारंट भी जारी किया जाएगा।

             पुलिस महानिरीक्षक ने कहा    विवेचना में इस चीज को भी देखा जाएगा कि किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा कोई आपराधिक षड्यंत्र तो नहीं किया गया था। 

             भोले बाबा से पूछताछ या उसकी गिरफ्तारी की सम्भावना के बारे में पूछने पर माथुर ने कहा    आगे किसी की गिरफ्तारी होगी या नहीं  यह विवेचना पर निर्भर करेगा। जांच में आगे किसी की भूमिका निकलकर आयेगी तो कार्रवाई होगी। जरूरत पड़ेगी तो जरूर पूछताछ की जाएगी। 

             उन्होंने बताया कि पकड़े गये लोगों में राम नरेते  उपेन्द्र सिंह यादव  नेक सिंह  मंजू यादव  मुकेश कुमार और मंजू देवी शामिल हैं। पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि वे सभी सत्संग आयोजन समिति के सदस्य हैं। वे मुख्यत: सेवादार के रूप में काम करते हैं और अतीत में भी वह ऐसे कई आयोजन करा चुके हैं। वे बैरीकेडिंग करके भीड़ नियंत्रण  पंडाल व्यवस्था  बिजली आपूर्ति और सफाई की व्यवस्था कराते थे।

             माथुर ने बताया कि विवचेना के क्रम में अपर पुलिस महानिदेशक (आगरा) ने क्षेत्र के सभी जिलों में पुलिस को अभियुक्तों की गिरफ्तार के निर्देश दिये हैं। साथ ही जोन स्तर पर एक स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) का गठन हुआ है जो घटना में शामिल लोगों और संस्था के सेवादार अधिकारियों और पदाधिकारियों की भूमिका की जांच करेगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा रेंज स्तर की जितनी भी एसओजी टीम हैं उन्हें हाथरस के पुलिस अधीक्षक की मदद के लिये सम्बद्ध किया गया है।

             गौरतलब है कि हाथरस जिले के फुलरई गांव में भोले बाबा द्वारा आयोजित सत्संग में मंगलवार को मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी तथा 31 अन्य घायल हो गये थे।  पुलिस ने इस मामले में मंगलवार देर रात सिकंदराराऊ थाने में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या)  110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास)  126 (2) (गलत तरीके से रोकना)  223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा)  238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

             राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिये एक न्यायिक आयोग गठित किया है।  पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि भगदड़ में मारे गये सभी 121 लोगों की शिनाख्त हो चुकी है। इनमें हाथरस के 19  आगरा के 18  अलीगढ़ के 17  मथुरा के 11  कासगंज और एटा के 10—10 तथा बदायूं के छह लोगों के अलावा अन्य जिलों के लोग शामिल हैं।

             माथुर के मुताबिक बाबा के अनुयायियों ने बताया कि घटना के वक्त लोग भोले बाबा की  चरण रज  लेने के लिये भीड़ उनकी गाड़ी के आसपास आयी तो सेवादारों ने भीड़ को रोका और जैसे ही बाबा का काफिला निकल गया तो सेवादारों ने भीड़ को चरण रज लेने के लिये अनियंत्रित छोड़ दिया।

             उन्होंने बताया कि इसके बाद महिलाएं और बच्चे एक—दूसरे पर गिरते गये। उन्होंने बताया कि घटना होते ही सेवादार मौके से फरार हो गये।  उन्होंने बताया कि सेवादार खुद ही भीड़ नियंत्रण का प्रयास करते हैं और किसी प्रकार की पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था की वे लोग किसी तरह की इजाजत नहीं देते हैं। हालांकि वहां पर पुलिस  पीएसी और यातायात पुलिस भी तैनात थी।

             माथुर ने कहा कि पुलिस के पास कई और भी जानकारियां आयी हैं। जैसे—जैसे विवेचना का सिलसिला आगे बढ़ेगा  उसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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