हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सेना प्रमुखों के सम्मेलन की मेजबानी करेगा भारत

नयी दिल्ली, भारतीय सेना अगले हफ्ते हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के सेना प्रमुखों के दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी करेगी। यह सम्मेलन हिंद-प्रशांत में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों को लेकर उपजी वैश्विक चिंताओं के मद्देनजर क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक साझा रणनीति विकसित करने के मकसद से आयोजित किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली में 26-27 सितंबर को प्रस्तावित इस सम्मेलन में 22 देशों के 15 सेना प्रमुख और प्रतिनिधिमंडल हिस्सा लेंगे। अमेरिकी सेना इस सम्मेलन की सह-मेजबानी कर रही है। इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्क्लेव (आईपीएसीसी) में विभिन्न संकटों से निपटने में सैन्य कूटनीति की भूमिका, क्षेत्र के सशस्त्र बलों के बीच सहयोग में इजाफा करने के तरीकों और अंतर-संचालन को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इस सम्मेलन के इतर भारत केस्वदेशी रूप से विकसित हथियारों, सैन्य प्रणालियों और मंचों की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी। भारतीय सेना आईपीएसीसी के 13वें संस्करण के साथ 47वें इंडो-पैसिफिक आर्मीज मैनेजमेंट सेमिनार (आईपीएएमएस) और सीनियर एनलिस्टेड लीडर्स फोरम (एसईएलएफ) की भी मेजबानी करेगी। थल सेना के उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने कहा कि यह सम्मेलन साझा दृष्टिकोण के प्रति समान दृष्टिकोण विकसित करने का अनूठा अवसर प्रदान करेगा और यह मजबूत ‘सैन्य बंधन’ के माध्यम से दोस्ती को गहरा करने में मदद करेगा। आईपीएसीसी 1999 में शुरू किया गया एक द्विवार्षिक सम्मेलन है, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के सेना प्रमुख साझा हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए इकट्ठे होते हैं। लेफ्टिनेंट जनरल कुमार ने संवाददाताओं से कहा, “इस सम्मेलन का मौजूदा संस्करण बहुत खास है, क्योंकि इसमें 22 देशों के सेना प्रमुखों से लेकर गैर-कमीशन अधिकारियों तक विभिन्न स्तर के अधिकारियों की भागीदारी देखी जाएगी।” उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन का विषय ‘शांति के लिए एक साथ : हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना’ है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे इस सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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