अजित गुट के राकांपा विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर निर्णय लेने की अवधि बढ़ी

नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार गुट से जुड़े राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर फैसला करने के लिए राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को दी गई अवधि सोमवार को 15 फरवरी तक बढ़ा दी।

            प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इन दलीलों पर गौर किया कि शरद पवार गुट की इन याचिकाओं पर आदेश पारित करने के लिए कुछ और समय की आवश्यकता है।

             इससे पहले, शीर्ष अदालत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का हिस्सा बनने के लिए पाला बदलने वाले राकांपा विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर फैसला करने के लिए अध्यक्ष को 31 जनवरी तक का समय दिया था।

             पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘25 जनवरी के (विधानसभा अध्यक्ष के) आदेश में अध्यक्ष ने संकेत दिया है कि प्रतिवादियों (राकांपा गुटों) के लिए गवाहों से जिरह पूरी नहीं की जा सकी है।…’’

             उसने कहा, ‘‘हम आदेश सुनाने का काम पूरा करने के लिए (विधानसभा अध्यक्ष को) 15 फरवरी, 2024 तक का समय देते हैं।’’

             राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट के जयंत पाटिल ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर आग्रह किया है कि विधानसभा अध्यक्ष को अजित पवार और उनके प्रति वफादार विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिया जाए।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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