अस्पतालों में ऑक्सीजन के अभाव की घटनाओं की हो पड़ताल: योगी

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के कुछ जिलों में कई अस्पतालों द्वारा ऑक्सीजन के अभाव की नोटिस चस्पा किए जाने को गंभीरता से लेते हुए रविवार को कहा की ऐसी सभी घटनाओं की विधिवत पड़ताल कराई जाए और महज भय पैदा करने के लिए ऐसा किया जा रहा हो तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने कोविड-19 प्रबंधन के संबंध में राज्य के सभी मंडल आयुक्तों, अपर पुलिस महानिदेशकों, पुलिस महानिरीक्षकों तथा उपमहानिरीक्षकों के साथ देर शाम समीक्षा बैठक के दौरान यह आदेश दिए।

प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा “कुछ जिलों में कुछ अस्पतालों द्वारा ऑक्सीजन आदि के अभाव की बात कहते हुए लोगों में भय पैदा करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे लोगों पर नजर रखी जाए। ऐसी सभी घटनाओं की विधिवत पड़ताल कराई जाए। यदि अभाव की सूचना महज भय बनाने के लिए की गई हो, तो सम्बंधित अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।” गौरतलब है कि कुछ जिलों के कुछ अस्पतालों में ऐसे कथित नोटिस चस्पा किए गए हैं जिसमें चिकित्सालय में ऑक्सीजन की गंभीर कमी होने की बात कहते हुए तीमारदारों से अपने मरीजों को अन्य अस्पतालों में ले जाने को कहा गया है। सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें परिजन अस्पतालों द्वारा जारी की गई नोटिस को लेकर सख्त नाराजगी का इजहार कर रहे हैं।

योगी ने दावा, ‘‘प्रदेश के किसी जिले में बिस्तर का अभाव नहीं है। फिर भी कुछ स्थानों से बिस्तर के अभाव में मरीजों को उपचार से वंचित करने की घटनाएं संज्ञान में आई हैं। यह संवेदनहीनता है। अगर सरकारी अस्पताल में बेड रिक्त नहीं हैं तो निजी चिकित्सालय में इलाज की सुविधा दिलाई जाए। राज्य सरकार नियमानुसार उसका भुगतान करेगी। मंडलायुक्त स्वयं इस व्यवस्था की निगरानी करते हुए इसे प्रभावी ढंग से लागू कराएं।’’ मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आमजन को बिस्तर की उपलब्धता की समुचित जानकारी उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे सभी हॉस्पिटल जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है, वहां दिन में दो बार अस्पताल में रिक्त बेड का विवरण सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने कहा कि यह विवरण जिले के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के पोर्टल पर भी अपलोड कराया जाए।

योगी ने अधिकारियों को कोरोना की नई दवा के सम्बन्ध में आई0सी0एम0आर0 से संवाद करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल द्वारा इस दवा को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि कोविड के मरीजों के उपचार में इसका उपयोग आई0सी0एम0आर0 द्वारा अनुमन्य किए जाने के बाद ट्रायल के तौर पर सबसे पहले लखनऊ, वाराणसी तथा कानपुर नगर में उपयोग किया जाए।

इससे पहले, कोविड-19 प्रबंधन को लेकर टीम-11 के साथ भी बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी निजी या सरकारी अस्पताल किसी कोविड मरीज को उपचार से इंकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि किसी भी गरीब आदमी का निजी अस्पताल में उपचार होने पर प्रदेश सरकार आयुष्मान योजना के तहत इलाज का भुगतान करेगी।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में किसी मरीज की मृत्यु पर अंतिम संस्कार में किसी प्रकार का शुल्क न लिया जाए तथा सभी का अंतिम संस्कार अपने धार्मिक मान्यताओं एवं रीति-रिवाजों के तहत किया जाए।

योगी ने कहा कि कोविड संक्रमण से बचने के लिए टीकाकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आगामी एक मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों का निःशुल्क टीकाकरण किया जायेगा और इसके लिए एक करोड़ वैक्सीन डोज का प्रबंध किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 100 बिस्तर से अधिक क्षमता वाले प्रत्येक अस्पतालों में आक्सीजन प्लाण्ट लगाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी प्लाण्ट में वातावरण से आक्सीजन बनायी जायेगी और इस प्रकार के 39 अस्पतालों में प्लाण्ट लगाने के लिए मशीनें लाने का काम शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रदेश के 855 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 488 करोड़ रुपये की लागत से आक्सीजन प्लाण्ट लगाये जाने की प्रक्रिया भी प्रारम्भ कर दी गई है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Flickr

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