‘आई-पीएसी टीम को त्रिपुरा के होटल में हिरासत में रखा जाना सूचना के अधिकार का उल्लंघन’

अगरतला, नेता विपक्ष एवं त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने मंगलवार को कहा कि यहां एक होटल में इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) के सदस्यों को हिरासत में रखना निन्दनीय है और यह सूचना के अधिकार का ‘‘उल्लंघन’’ है।

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की आई-पीएसी राजनीतिक स्थिति का आकलन करने और तृणमूल कांग्रेस के लिए संभावित आधार तलाशने के लिए पिछले सप्ताह से अगरतला में डेरा डाले हुए है। होटल में रविवार रात से हिरासत में रखे गए इसके सदस्यों से स्थानीय अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।

सरकार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हर किसी को, चाहे वह किसी भी राजनीतिक विचारधारा का हो, सूचना जुटा सकता है। और (उसके लिए) किसी को भी होटल में हिरासत में नहीं रखा जा सकता। राज्य में अराजकता और जंगल राज है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ‘‘सूचना के स्रोत को अवरुद्ध करने’’ की कोशिश कर रही है क्योंकि त्रिपुरा में उसका आधार खिसक रहा है।

पुलिस ने कहा कि आई-पीएसी के सदस्यों को उनकी कोविड जांच रिपोर्ट आने तक होटल में रहना होगा।

पश्चिमी त्रिपुरा जिले के पुलिस अधीक्षक माणिक दास ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम उनसे उनकी यात्रा और कार्यक्रम के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। उन सबकी जांच की गई है और रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। यदि कोई संक्रमित पाया जाता है तो उसे पृथक-वास में रहना होगा।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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