आगामी 25 वर्षो में देश में होने वाले विकास में बड़ी भूमिका अधिकारियों की होगी : धामी

देहरादून, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के प्रशिक्षुओं को ‘मिशन कर्मयोगी’ के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि आने वाले 25 वर्षों में देश में होने वाले विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी ।

अकादमी में आयोजित अमृत महोत्सव डिजिटल प्रदर्शनी एवं आजादी का अमृत महोत्सव सेमिनार का उद्घाटन करने के बाद प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं जो ऐसे वर्ष में प्रशिक्षण लेकर ‘मिशन कर्मयोगी’ के तहत अपना काम शुरू करेंगे ।

भारतीय सिविल सेवकों को और अधिक रचनात्मक, सृजनात्मक, विचारशील, नवाचारी, अधिक क्रियाशील, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी समर्थ बनाते हुए भविष्य के लिए तैयार करने को ‘मिशन कर्मयोगी’ का मुख्य लक्ष्य बताते हुए धामी ने कहा, ‘आगामी 25 वर्ष में यह देश जितना विकास करेगा, उसमें बहुत बड़ी भूमिका आप अधिकारियों की होगी ।’ उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव का समय न केवल स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को नमन करने का है बल्कि उनके सपनों को साकार करने का भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आप सभी भारत के जन-जन को कर्तव्य के लिए जागरूक करके इस देश में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते है । आप सभी को इस देश के अलग अलग हिस्सों में जाकर जन-जन में कर्तव्य बोध जागृत करना है।’ उन्होंने इसके लिए फल या लाभ की चिंता किए बिना कर्म को कर्तव्य और सेवा भाव से करने को कहा तथा कहा कि फल की इच्छा को केंद्र में रख कर किसी कर्तव्य का वहन करने पर एक अवांछित दबाव बना रहता है ।

उन्होंने कहा कि सामाजिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दो महत्वपूर्ण कारक होते हैं, पहला नेतृत्व कौशल और दूसरा कुशल प्रबंधन।

सनातन संस्कृति और भारत की पुरातन पद्धतियों में हर समस्या के समाधान की बात कहते हुए धामी ने कहा कि हमारी समृद्ध संपदाओं के आधार पर तय की गई नीतियों के कारण ही आज विश्व भारत की ओर आशा भरी दृष्टि से देख रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कार्यशैली में बदलाव आया है और योजनाएं जमीनी स्तर पर लागू हो रही हैं । उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने भी सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण एवं संतुष्टि को अपनी कार्यपद्धति का सिद्धांत बनाया है और इसी को आधार बना कर जनसमस्याओं को सुलझाया जा रहा है।

अकादमी परिसर में 22 राज्यों द्वारा लगाए गए हस्तकला स्टाल का अवलोकन करने के बाद धामी ने कहा कि अकादमी में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन व प्रेरणा से ‘मिशन कर्मयोगी’ के तहत केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के साथ समृद्ध भारतीय संस्कृति को व्यापक स्तर पर प्रचारित-प्रसारित करने हेतु डिजिटल प्रदर्शनी लगाकर एक महत्वपूर्ण पहल की गयी है ।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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