आजाद ने जम्मू-कश्मीर में भूमि, नौकरी अधिकार कानून का वादा किया

जम्मू, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने को एक ‘‘बड़ी भूल’’ बताते हुए रविवार को वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो जम्मू-कश्मीर के निवासियों को भूमि और नौकरी का अधिकार प्रदान करने के लिए एक कानून बनाया जाएगा।आजाद ने अगले विधानसभा चुनाव में मतदाताओं से उनकी पार्टी के लिए मतदान करने की अपील करते हुए कहा कि लोगों को एकजुट करना और भेदभाव एवं असुरक्षा को समाप्त करना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

            पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके आजाद ने पलौरा में जनसभा में कहा, ‘‘(अगस्त 2019 में) अनुच्छेद 370 को रद्द करना एक बड़ी भूल थी। अगर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी सत्ता में आती है, तो हम नौकरी और भूमि अधिकारों को बहाल करने की दिशा में काम करेंगे ताकि कोई बाहरी व्यक्ति जम्मू-कश्मीर में जमीन न खरीद सके या नौकरी ना पा सके।’’

             उन्होंने ‘‘धर्म के नाम पर विभाजन के बीज बोने वाले दलों’’ को खारिज करने और विकास के लिए मतदान करने के महत्व पर जोर दिया।आजाद ने काफी हद तक शांति बहाल करने समेत कुछ क्षेत्रों में सरकार के प्रयासों की सराहना की लेकिन साथ ही कहा कि समाज के उन सभी वर्गों के कल्याण के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है, जिन्हें पिछले तीन दशक में बहुत कुछ झेलना पड़ा है।

             उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए ढाई साल की संक्षिप्त अवधि में जाति, पंथ और रंग की परवाह किए बिना सभी लोगों की जीवनशैली में सुधार के लिए बहुत प्रयास किए। मैंने धर्म के आधार पर कभी भेदभाव नहीं किया।’’  आजाद ने समान विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई और उनके द्वारा अतीत में जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों के लिए शुरू की गई परियोजनाओं का जिक्र किया।

             डीपीएपी नेता ने कहा कि विभिन्न अन्य दलों के प्रदर्शन को देखने के बाद लोगों को अब उनके द्वारा अतीत में किए कार्यों के आधार पर डीपीएपी की ओर रुख करना चाहिए। उन्होंने विकास और रोजगार सृजन को प्राथमिकता देने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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