आनुवंशिक दोष बच्चों में मस्तिष्क पक्षाघात का कारण बनता है : अध्ययन

नयी दिल्ली  मस्तिष्क पक्षाघात (सेरेब्रल पाल्सी) से प्रभावित लगभग एक चौथाई चीनी बच्चों में आनुवंशिक दोष होते हैं। इसका कारण जन्म के समय ऑक्सीजन की कमी नहीं होता  जैसा कि पहले समझा गया था। मस्तिष्क पक्षाघात एक विकार है जो व्यक्ति की चलने-फिरने की क्षमता को प्रभावित करता है। यह बच्चों में दिव्यांगता का सबसे आम कारण है  जिसके लक्षण बाल्यावस्था और बचपन के शुरूआती दौर में उभरते हैं।

जन्म के समय श्वास अवरोध या जन्म के समय शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलना शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। इससे विशेष रूप से मस्तिष्क को नुकसान पहुंच सकता है इसलिए इसे मस्तिष्क पक्षाघात के मुख्य कारणों में से एक माना जाता है।

मस्तिष्क पक्षाघात आनुवांशिकी के संबंध में दुनिया के सबसे बड़े अध्ययन में पाया गया कि जन्म के समय पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं प्राप्त करने वाले इन बच्चों में से एक चौथाई में जीन का उत्परिवर्तन काफी अधिक था। इस अध्ययन में 1 500 से अधिक प्रभावित चीनी बच्चे शामिल थे।

शोधकर्ताओं ने कहा कि इससे संकेत मिलता है कि जन्म के समय श्वास अवरोध अंतर्निहित आनुवंशिक दोषों के कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि ‘नेचर मेडिसिन’ जर्नल में प्रकाशित नतीजे विश्व स्तर पर हुए छोटे अध्ययनों के अनुरूप हैं। एडिलेड विश्वविद्यालय के मानव आनुवंशिकीविद् जोसेफ गेकज के अनुसार  अध्ययन में 24.5 प्रतिशत चीनी बच्चों में मस्तिष्क पक्षाघात से जुड़ी दुर्लभ आनुवंशिक विविधताएं थीं। जोसेफ ने कहा  ‘‘सामने आई यह जानकारी हमारे पूर्व के निष्कर्षों को प्रतिबिंबित करती है  जहां (मस्तिष्क पक्षाघात के) एक तिहाई मामलों में आनुवंशिक कारण होते हैं।’ शोधकर्ताओं ने 81 उत्परिवर्तित या परिवर्तित जीन की पहचान की जो बच्चों में मस्तिष्क पक्षाघात का कारण बनते हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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