ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा केंद्र

नयी दिल्ली, मद्रास उच्च न्यायालय की इस टिप्पणी के खिलाफ केंद्र की याचिका पर उच्चतम न्यायालय सोमवार को सुनवाई कर सकता है कि मेडिकल कॉलेजों की देशभर की सीटों के आरक्षण में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की अधिसूचना को शीर्ष अदालत की मंजूरी लेने की जरूरत होगी।

केंद्र के खिलाफ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की अवमानना याचिका का निस्तारण करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने 25 अगस्त को केंद्र सरकार की 29 जुलाई की अधिसूचना को मंजूरी दे दी थी, जिसमें अखिल भारतीय आरक्षण (एआईक्यू) के तहत केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) उम्मीदवारों को 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा था कि ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत और आरक्षण को शामिल करने के लिए उच्चतम न्यायालय की स्वीकृति जरूरी होगी।

ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के संबंध में उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘29 जुलाई, 2021 की अधिसूचना में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए प्रदत्त अतिरिक्त आरक्षण इस संबंध में उच्चतम न्यायालय की मंजूरी के बिना स्वीकृत नहीं किया जा सकता।’’

इससे असंतुष्ट केंद्र सरकार ने तीन सितंबर को उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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