ईरान को संयुक्त राष्ट्र महासभा में मतदान का अधिकार मिला वापस

संयुक्त राष्ट्र,) संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सोमवार को कहा कि ईरान, गिनी और वानुआतु ने 193 सदस्यीय विश्व निकाय में अपने मतदान के अधिकार को फिर से हासिल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के नियमित संचालन बजट में पर्याप्त बकाया राशि का भुगतान कर दिया है।

अब केवल वेनेजुएला और पापुआ न्यू गिनी के पास ही महासभा में मतदान का अधिकार नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र चार्टर में कहा गया है कि जिन सदस्यों का बकाया पिछले दो पूर्ण वर्षों के उनके योगदान की राशि के बराबर या उससे अधिक हो वे मतदान का अधिकार खो देते हैं। महासभा को यह तय करने का अधिकार भी है कि क्या भुगतान ना करने की वजह सदस्य देश के नियंत्रण से बाहर तो नहीं थी। ऐसी स्थिति में देश मताधिकार का इस्तेमाल करना जारी रख सकता है।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के महासभा को 12 जनवरी को जारी किए गए एक पत्र के अनुसार, आठ देशों ने अपना मताधिकार खो दिया था।

इनमें से तीन देशों सूडान, एंटीगुआ एवं बारबुडा और कांगो गणराज्य ने पिछले सप्ताह अपनी बकाया राशि का भुगतान कर मताधिकार हासिल कर लिया था।

महासभा ने फैसला किया कि सूची में शामिल तीन अफ्रीकी देश कोमोरोस, साओ तोमे एवं प्रिन्सिपी और सोमालिया अपने मतदान के अधिकार का इस्तेमाल कर पाएंगे।

गुतारेस के पत्र के अनुसार, मतदान के अधिकार को बहाल करने के लिए आवश्यक न्यूनतम भुगतान ईरान के लिए 18,412,438 डॉलर, वेनेजुएला के लिए 39,850,761 डॉलर और सूडान के लिए 299,044 डॉलर डॉलर था। पांच अन्य देशों में से प्रत्येक को अपने मतदान अधिकारों को बहाल करने के लिए 75,000 डॉलर से कम का भुगतान करना था।

दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने रविवार को बताया कि अमेरिकी प्रतिबंधों से मुक्त ईरानी बैंक फंड का उपयोग करते हुए उसने ईरान के 1.8 करोड़ डॉलर से अधिक की बकाया राशि का भुगतान किया है।

उसने कहा कि भुगतान ‘यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेज़री’ के साथ परामर्श के बाद किया गया।

यह कदम ईरान के साथ 2015 के परमाणु समझौते में अमेरिका के फिर से शामिल होने का एक संभावित संकेत है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में अमेरिका को इस समझौते से बाहर कर लिया था।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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