ईरान ने अंतरिक्ष में तीन उपग्रहों का प्रक्षेपण किया, पश्चिमी देशों ने आलोचना की

यरुशलम, ईरान ने कहा कि उसने अंतरिक्ष में तीन उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है। वहीं, पश्चिमी देशों ने ईरान के इस हालिया कार्यक्रम की आलोचना की और आशंका जताई कि इससे ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों में और इजाफा होगा। सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने कहा कि प्रक्षेपण में ईरान के सिमोर्ग रॉकेट का सफल उपयोग भी देखा गया, जो इससे पहले कई बार विफल रहा था।

             ईरान का यह प्रक्षेपण ऐसे वक्त हुआ है, जब पश्चिम एशिया में गाजा पट्टी में हमास के साथ इजराइल का युद्ध लगातार जारी रहने के कारण तनाव बढ़ गया है। ईरान ने इस संघर्ष में सैन्य हस्तक्षेप नहीं किया है, लेकिन इस महीने की शुरुआत में इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती बम विस्फोट और यमन के हूती विद्रोहियों जैसे छद्म संगठनों द्वारा युद्ध से जुड़े हमलों के बाद कार्रवाई को लेकर उसे अपने धर्मगुरुओं के दबाव का सामना करना पड़ा।

             पश्चिमी देशों ने ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंता जताई है। ईरान के सरकारी टेलीविजन द्वारा जारी किए गए फुटेज में रात के दौरान सिमोर्ग रॉकेट का प्रक्षेपण दिख रहा है। ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) ने फुटेज के विवरण का विश्लेषण किया, जिससे पता चलता है कि प्रक्षेपण ईरान के ग्रामीण सेमनान प्रांत में इमाम ‘खुमैनी स्पेसपोर्ट’ पर किया गया था। फुटेज में सरकारी टीवी रिपोर्टर अब्बास रसूली ने कहा, ‘‘सिमोर्ग (रॉकेट) की गर्जना हमारे देश के आकाश और अनंत अंतरिक्ष में गूंज उठी।’’

             सरकारी टीवी ने प्रक्षेपित उपग्रहों का नाम महदा, केहान-2 और हत्फ-1 बताया। सरकारी टेलीविजन के अनुसार, महदा एक अनुसंधान उपग्रह है, जबकि केहान और हत्फ क्रमशः वैश्विक स्थिति और संचार पर केंद्रित नैनो उपग्रह हैं।

             ईरान के सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी मंत्री ईसा जारेपुर ने कहा कि महदा से पहले ही पृथ्वी पर संकेत मिल चुके हैं। फुटेज में रविवार को प्रक्षेपित रॉकेट पर फारसी में ‘‘वी कैन’’ (हम कर सकते हैं) का नारा लिखा हुआ दिख रहा है, जो संभवतः पिछली विफलताओं का जिक्र था। सिमोर्ग एक दो-चरण का, तरल-ईंधन वाला रॉकेट है, जिसे ईरानियों ने उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने के लिए डिजाइन किया है।

             अमेरिकी खुफिया समुदाय के 2023 के विश्वव्यापी खतरे के आकलन में कहा गया है कि उपग्रह प्रक्षेपण यानों के विकास से ईरान कम समय में अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करने में सक्षम हो जाएगा, क्योंकि इसमें समान तकनीक का उपयोग किया जाता है। अमेरिका ने पहले कहा था कि ईरान के उपग्रह प्रक्षेपण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव की अवहेलना करते हैं और उससे परमाणु हथियार पहुंचाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों से जुड़ी कोई गतिविधि नहीं करने को कहा गया है। ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध पिछले अक्टूबर में समाप्त हो गए थे।

             ईरान के अपेक्षाकृत उदारवादी पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी के शासन में इस्लामिक गणराज्य ने पश्चिमी देशों के साथ तनाव बढ़ने की आशंका से अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को धीमा कर दिया था। रूहानी और विश्व के ताकतवर देशों के साथ 2015 में किया गया परमाणु समझौता रद्द होने के कारण अमेरिका के साथ वर्षों से जारी तनाव बना हुआ है। वर्ष 2021 में सत्ता में आए सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के शिष्य कट्टरपंथी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है। शुक्रवार को फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने 20 जनवरी को ईरान के उपग्रह प्रक्षेपण की निंदा की और कहा कि इससे ईरान लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करने में सक्षम होगा।

             देशों ने कहा, ‘‘परमाणु हथियार पहुंचाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकियों से संबंधित ईरान की गतिविधि को लेकर हम चिंतित हैं।’’ अमेरिकी सेना और विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया। अमेरिकी सेना ने ईरान के अर्द्धसैनिक बल रिवॉल्यूशनरी गार्ड द्वारा 20 जनवरी को किए गए ईरानी उपग्रह के सफल प्रक्षेपण को दबे स्वर में स्वीकार किया है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

%d bloggers like this: