उच्चतम न्यायालय ने नोएडा टोल ब्रिज कंपनी को उप्र में ‘डीएनडी फ्लाईवे’ पर विज्ञापन लगाने की अनुमति दी

नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (एनटीबीसीएल) को उत्तर प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र में स्थित दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (डीएनडी) ‘फ्लाईवे’ पर विज्ञापन लगाने की बुधवार को अनुमति दे दी।

न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ ने राज्य सरकार के प्राधिकार को कंपनी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से परहेज करने को कहा।

अधिकारियों ने बढ़े हुए लाइसेंस शुल्क का कथित रूप से भुगतान नहीं करने के कारण एनटीबीसीएल द्वारा लगाये गए विज्ञापनों को हटा दिया था।

एनटीबीसीएल की ओर से वकीलों की फर्म करंजावाला एंड कंपनी ने लाइसेंस शुल्क में वृद्धि का विरोध किया है।

उच्चतम न्यायालय एनटीबीसीएल की याचिका पर अंतिम सुनवाई अब मार्च 2022 में करेगा और फिलहाल निजी कंपनी को 125 रुपये प्रति वर्ग फुट का लाइसेंस शुल्क नोएडा प्राधिकरण को देना होगा।

जनवरी 2001 में टोल रोड के रूप में उद्घाटन होने के बाद, अक्टूबर 2016 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश के बाद डीएनडी फ्लाईवे पर टोल संग्रह बंद कर दिया गया था। कंपनी ने उस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

कंपनी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकीलों ए. एम. सिंघवी और सिद्धार्थ भटनागर ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण ने उसकी वित्तीय संपत्तियों को अपूरणीय क्षति पहुंचाने के एकमात्र उद्देश्य से उसकी संपत्ति को जब्त कर लिया था।

एनटीबीसीएल ने अपनी याचिका में कहा है कि टोल संग्रह बंद होने के बाद कंपनी पूरी तरह से पुल के दैनिक रखरखाव के लिए विज्ञापन राजस्व पर निर्भर थी।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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