नयी दिल्ली, दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) मामलों की सुनवाई के लिए चार विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। राजनिवास के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उपराज्यपाल ने एक पखवाड़े पहले कथित देरी को लेकर दिल्ली सरकार से इस मामले से संबंधित फाइल वापस ले ली थी। इस मामले पर दिल्ली सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
राजनिवास के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार ने माना है कि दिल्ली की विभिन्न विशेष अदालतों में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के मामलों की सुनवाई हेतु केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के लिए विशेष लोक अभियोजकों (एसपीपी) की नियुक्ति के मद्देनजर उपराज्यपाल की राय की आवश्यकता होगी। इन मामलों की सुनवाई बीते नौ महीनों से अधिक समय से अटकी हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह फाइल जनवरी से प्रभारी मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक घूमती रही और 22 सितंबर को उपराज्यपाल ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) कामकाज नियमावली के नियम 19 (5) को लागू किया और उन सभी फाइलों और प्रस्तावों को वापस ले लिया गया, जो उन्हें सौंपे गए थे। ’’
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल सक्सेना द्वारा सार्वजनिक हित में जीएनसीटीडी नियमावली, 1993 के प्रावधानों को लागू करने के एक पखवाड़े बाद दिल्ली सरकार ने आखिरकार फाइल को उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए भेज दिया। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली की सरकार ने नौ महीने से अधिक समय तक फाइल को रोक रखा था।
अधिकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले यह रुख अपनाया था कि उपराज्यपाल के पास इन मामलों में विशेष लोक अभियोक (एसपीपी) के लिए मंजूरी देने की शक्ति नहीं है।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common