एआईएफएफ का ‘ऑडिट’ करने के लिये कैग ने टीम गठित की

नयी दिल्ली, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिये अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के पिछले चार वित्तीय वर्षों का लेखा परीक्षण (ऑडिट) कराने के लिये एक टीम का गठन किया है।

एआईएफएफ ने हालांकि कहा कि उसे हाल के दिनों में कैग की तरफ से कोई ‘विशेष पत्र’ नहीं मिला है। उसने कहा कि ‘ऑडिट’ किये गये वित्तीय विवरण को प्रस्तुत करना ‘सामान्य बात’ है और ऐसा समय-समय पर किया जाता है।

इस घटनाक्रम से अवगत भारतीय फुटबॉल के सूत्र ने कहा, ‘‘कैग ने एआईएफएफ के पिछले चार वित्तीय वर्षों के रिकॉर्ड का ऑडिट करने के लिये आज एक टीम का गठित की। उच्च अधिकारियों की ओर से विशेष टीम को तह तक जाकर संपूर्ण जांच करने का निर्देश दिया गया है।’’

कैग के विशेष प्रकोष्ठ ने एआईएफएफ में कथित तौर पर वित्तीय अनियमितताएं पायी थी जिसके बाद खेल मंत्रालय ने देश की शीर्ष फुटबॉल संस्था के लेखा परीक्षण को मंजूरी दी। इस पर प्रतिक्रिया करते हुए महासंघ के एक अधिकारी ने कहा कि वह लेखा परीक्षण किये गये अपने वित्तीय विवरणों की एक प्रति कैग को सौंप रहा है।

महासंघ के अधिकारी ने कहा, ‘‘पहली बात तो यह है कि महासंघ को पिछले चार वित्तीय वर्षों (2017-18 से 2020-21) के एआईएफएफ के वित्तीय विवरणों का लेखा परीक्षण करने को लेकर कैग से कोई विशेष पत्र नहीं मिला है। यह सामान्य बात है, कोई बड़ा मुद्दा नहीं।’’

एआईएफएफ विशेषकर अपने चुनाव कराने में देरी के कारण परेशानियों का सामना कर रहा है। खेल मंत्रालय के कैग को लेखा परीक्षण की मंजूरी देने पर एआईएफएफ ने मंगलवार को स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की।

एआईएफएफ ने बयान में कहा, ‘‘कुछ मीडिया रिपोर्टों के विपरीत, एआईएफएफ स्पष्ट करना चाहता है कि वह कैग को लेखा परीक्षण किये गये अपने वित्तीय विवरणों की एक प्रति दे रहा है। असल में 2017-18 से 2020-21 तक के लेखा परीक्षण किये गये सभी खातों को उनके पास (कैग) जमा कर दिया गया है।’’

खेल मंत्रालय ने पिछले महीने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि प्रफुल्ल पटेल को महासंघ के अध्यक्ष के रूप में बने रहने का कोई जनादेश नहीं है क्योंकि वह पहले ही तीन कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और इस राष्ट्रीय खेल महासंघ को बिना किसी देरी के चुनाव कराने चाहिए।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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