एआईबीए ने कर्ज मुक्त होने के साथ ‘अतीत में मैच नतीजों में भ्रष्टाचार’ की जांच की घोषणा की

लुसाने, अंतरराष्ट्रीय मुक्कबाजी संघ (एआईबीए) ने अजरबैजान की एक कंपनी के 10 मिलियन डॉलर (लगभग 72.78 करोड़ रूपये) का बकाया समेत अपने सभी कर्जों को चुकाने की घोषणा करते हुए कहा कि वह अतीत में मैचों के नतीजों को प्रभावित करने वाले आरोपों की स्वतंत्र जांच करवायेगा।

एआईबीए ने कहा कि ‘ रियो 2016 ओलंपिक खेलों के आस-पास हुये मुक्केबाजी टूर्नामेंट के नतीजों की विशेष रूप से जांच होगी’, जहां रेफरी पर निष्पक्ष रूप से सही फैसला नहीं देने का आरोप लगाया गया था।

वैश्विक स्तर पर मुक्केबाजी का संचालन करने वाली इस संस्था ने कहा, ‘‘इसके अलावा रेफरियों के भ्रष्टाचार, मैच फिक्सिंग और अन्य प्रकार के हेरफेर से निपटने के लिए नयी प्रणालियों और प्रक्रियाओं को तैयार किया जा रहा है।’’

एआईबीए ने खुद को कर्ज मुक्त घोषित करते हुए कहा कि उसने वित्तीय स्थिरता हासिल कर ली है जो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की संबद्धता हासिल करने के लिए जरूरी है।

एआईबीए ने कहा, ‘‘ एआईबीए ने अजरबैजान की कंपनी बेनकॉन्स एलएलसी को अपने बकाये 10 मिलियन डालर का पूरा भुगतान कर दिया है, जो संगठन के लिए मुख्य ऋण था। इसके साथ ही वित्तीय अस्थिरता के दौरान लिए गये अन्य ऋणों का भी भुगतान कर दिया गया है।’’

एबाईबीए के अध्यक्ष उमर क्रेमलेव ने अपने चुनावी वादे में कर्ज से मुक्ति दिलाने की बात कही थी।

क्रमलेव ने कहा, ‘‘ जिस खेल से मैं बहुत वर्षों से प्यार करता हूं, वित्तीय मुद्दों ने उस खेल के नेतृत्व को संकट में रखा था। उसने हमारे ओलंपिक भविष्य को भी खतरे में डाल दिया है। ऋण को खत्म करना हमारे वित्तीय स्वास्थ्य और भविष्य की ओलंपिक संभावनाओं के लिए एक प्रमुख उपलब्धि है। मुझे बहुत खुशी है कि हम इसे हल करने और एआईबीए के लिए स्थिरता सुनिश्चित करने में सक्षम रहे।’’

पूर्व अध्यक्ष चिंग-कुओ वू के कार्यकाल के दौरान ही एआईबीए बेनकॉन्स द्वारा प्रदान किए गए 10 मिलियन डालर के ऋण का गारंटर बना था।

उन्होंने बताया, ‘‘ आईओसी ने 2017 में इस ऋण की पहचान करने के बाद पहले एआईबीए के भुगतान को निलंबित किया और बाद में यह एआईबीए के पूर्ण रूप से निलंबित होने का प्रमुख कारण भी बना।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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