एनजीटी की भूमिका वाणिज्यिक उपक्रमों के उपकरणों की जांच की नहीं: एनजीटी

नई दिल्ली, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक उपकरण की क्षमता के निरीक्षण और परीक्षण के निर्देश देने संबंधी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए.के. गोयल और न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल की पीठ ने कहा कि अधिकरण की भूमिका पर्यावरण के महत्वपूर्ण सवालों पर फैसला करने की है, न कि वाणिज्यिक उद्यमों के उपकरणों की जांच करने की।

पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के अनुसार, वह वायु प्रदूषण नियंत्रण मामले के विशेषज्ञ हैं और उन्होंने वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए एक उपकरण का आविष्कार किया है। उन्होंने तदनुसार याचिकाकर्ता के उपकरण की क्षमता के निरीक्षण और परीक्षण के निर्देश देने की मांग की है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘हम इस तरह की अर्जी पर विचार करने में असमर्थ हैं। अधिकरण की भूमिका पर्यावरण के महत्वपूर्ण सवालों पर फैसला करने की है, न कि वाणिज्यिक उद्यमों के उपकरणों का परीक्षण करने की।’’

अधिकरण मिर्जा मोहम्मद आरिफ द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उनके द्वारा आविष्कृत एक उपकरण की क्षमता की जांच के निर्देश की मांग की गई थी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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