नयी दिल्ली, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पुराने कचरे को साफ करने में विफल रहने पर पुणे नगर निगम (पीएमसी) द्वारा जमा की गई दो करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को भुनाने का निर्देश दिया और कहा कि इस राशि का उपयोग पर्यावरण की बहाली के लिए किया जा सकता है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि पीएमसी पुराने कचरे को साफ करने में वैधानिक मानदंडों का लगातार उल्लंघन को लेकर मुआवजा देने करने के लिए उत्तरदायी है। निकाय ने कहा कि उसने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पुराने कचरा स्थलों की सफाई की खातिर पहले ही समयबद्ध दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
पीठ ने कहा कि नियम 22 के अनुसार, कार्यान्वयन के लिए पांच वर्ष की समय सीमा थी जो अप्रैल, 2021 में समाप्त हो गयी। पीठ ने कहा कि चूंकि पुराने कचरा स्थलों को निर्धारित समय के अंदर साफ नहीं किया गया है। इसलिए पीएमसी द्वारा अनुपालन की गारंटी के लिए दी गयी दो करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को भुनाया जा सकता है।
निकाय ने कहा कि इस राशि का उपयोग पीएमसी द्वारा तैयार एक कार्ययोजना के तहत पर्यावरण की बहाली के लिए किया जा सकता है लेकिन कार्ययोजना राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) से अनुमोदित होनी चाहिए।
पीठ ने कहा कि पीएमसी सुनवाई की अगली तारीख से पहले स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर सकता है। मामले में अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी।
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