एफडीए ने ‘जॉनसन एंड जॉनसन’ के कोविड-19 रोधी टीके के साथ दुर्लभ जोखिम की चेतावनी जोड़ी

वाशिंगटन, अमेरिका की नियामक संस्था खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने जॉनसन एंड जॉनसन के कोविड-19 रोधी टीके को दुर्लभ एवं संभावित खतरनाक तंत्रिका संबंधी रोग के जोखिम से संबद्ध होने की एक नयी चेतावनी जारी की है। हालांकि एफडीए ने कहा है कि वह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि जे एंड जे का टीका इस तरह की समस्या पैदा करता है।

एफडीए ने नयी चेतावनी की घोषणा करते हुए बताया कि प्रतिरोधक प्रणाली से संबंधित बीमारी गिलेन-बर्रे सिंड्रोम मांसपेशियों में कमजोरी और कभी-कभी पक्षाघात का भी कारण बन सकती है। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने जे एंड जे के टीके की खुराक लेने वालों पर ‘‘इसका बहुत मामूली असर पड़ने का जोखिम’’ होने की बात कही है।

एफडीए ने बताया कि यह कार्रवाई ऐसे वक्त हुई है जब एफडीए और रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने जे एंड जे टीके की पहली खुराक ले चुके करीब 100 लोगों में बीमारी पनपने की खबरों की समीक्षा की। इनमें से तकरीबन सभी को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी और एक व्यक्ति की मौत हो गई।

सीडीसी के अनुसार गिलेन-बर्रे सिंड्रोम तब होता है तब शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली त्रुटिवश अपनी ही तंत्रिका कोशिकाओं पर हमला करने लगती है जिससे मांसपेशियों में कमजोरी और कभी कभी पक्षाघात की स्थिति पैदा हो जाती है जो आम तौर पर अस्थायी होता है। हर साल करीब 3,000 से 6,000 लोगों में यह बीमारी होती है।

जे एंड जे ने एक बयान में कहा कि वह एफडीए एवं विश्व के अन्य स्वास्थ्य नियामकों के साथ इस रिपोर्ट पर चर्चा कर रही है। सीडीसी ने कहा कि वह अगली बैठक में अपनी समिति को बाहरी टीका विशेषज्ञों से इस मुद्दे पर समीक्षा कराने के लिए कहेगा। वहीं, अमेरिका की सरकार ने कहा है कि देश में अधिकतर फाइजर और मॉडर्ना के टीकों का इस्तेमाल हुआ है जिसकी 32 करोड़ से अधिक खुराक दिए से जाने के बाद बीमारी का कोई खतरा सामने नहीं आया है।

जे एंड जे का टीका लेने वाले लोगों की पर्ची में इस चेतावनी को शामिल किया गया है। अगर उन्हें इस प्रकार का कोई लक्षण दिखता है तो उन्हें चिकित्सकीय सहायता लेने को कहा जा रहा है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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