एसकेएम ने उप्र में किसानों से अपील की है कि आगामी चुनावों में भाजपा को ‘दंडित’ करें : योगेंद्र यादव

नयी दिल्ली, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने उत्तर प्रदेश के किसानों से अपील की है कि उनकी मांगों को पूरा नहीं कर उनसे छल करने के लिए आगामी विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ‘‘दंडित’’ करें। यह जानकारी बृहस्पतिवार को स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने दी।

यादव ने कहा कि एसकेएम की अपील का 57 किसान संगठनों ने समर्थन किया है। बहरहाल, उन्होंने स्पष्ट किया कि मोर्चा का चुनावों में किसी पार्टी के लिए वोट मांगने से कोई लेना-देना नहीं है।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले एसकेएम ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर समिति बनाने और किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने सहित उनकी शेष मांगें अभी भी अधूरी हैं।

यादव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘एसकेएम ने उत्तर प्रदेश के किसानों से अपील की है कि किसानों से छल करने के लिए आगामी चुनावों में भाजपा को दंडित करें। सरकार ने किसानों की मांगें पूरी नहीं की हैं। एमएसपी के लिए अभी तक न तो समिति गठित की गई है और न ही किसानों के खिलाफ मामले वापस लिए गए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम मेरठ, कानपुर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर और लखनऊ सहित नौ स्थानों पर आगामी दिनों में संवाददाता सम्मेलन आयोजित करेंगे। पूरे उत्तर प्रदेश में हमारी अपील वाले पर्चे वितरित किए जाएंगे। एसकेएम का किसी पार्टी के लिए वोट मांगने से कोई लेना-देना नहीं है। मोर्चा गैर राजनीतिक था और रहेगा।’’

यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में किसानों से भाजपा को ‘‘दंडित’’ करने की अपील करने वाले पर्चे राज्य के गांवों में एसकेएम से जुड़े संगठनों द्वारा वितरित किए जाएंगे। अपील में दावा किया गया है कि भाजपा 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान किसानों से किए गए अपने वादों से मुकर गई है।

संवाददाता सम्मेलन को एसकेएम की समन्वय समिति के सभी सात सदस्यों ने संबोधित किया। यह पूछे जाने पर कि क्या एसकेएम पंजाब विधानसभा चुनाव में संयुक्त समाज मोर्चा (एसएसएम) का समर्थन कर रहा है, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘‘हम किसी को समर्थन नहीं दे रहे हैं।’’

इस बीच, एसकेएम नेता दर्शन पाल ने भी कहा कि मोर्चा पंजाब में किसी का समर्थन नहीं कर रहा है। यादव ने कहा, ‘‘हम किसी को भी चुनाव में वोट मांगने के लिए अपने मंच का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देंगे।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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