ऑक्सफोर्ड / एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 टीके को ब्रिटिश नियामक ने मंजूरी दी

लंदन, ब्रिटेन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित और एस्ट्राजेनेका द्वारा उत्पादित कोविड-19 टीके को बुधवार को मानव पर इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी। फाइजर/बायोएनटेक टीके के बाद यह दूसरा टीका है जिसे देश में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गई है।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के टीके को औषधि एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) की मंजूरी मिलने का अभिप्राय है कि टीका सुरक्षित और प्रभावी है।

सरकार के स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखरेख विभाग ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा यह तय करेगी कि टीका सबसे पहले अधिक जोखिम वाले समूहों को लगाया जाए।

इस टीके के उत्पादन के लिए ऑक्सफोर्ड ने भारतीय सीरम संस्थान (एसआईआई) के साथ भी करार किया है और इसका मूल्यांकन एमएचआरए ने सरकार को गत सोमवार को जमा अंतिम आंकड़ों के आधार पर किया है।

देश के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने टीके के इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद कहा, ‘‘ब्रिटिश विज्ञान के लिए वास्तव में यह काफी शानदार समाचार और एक बड़ी सफलता है।’’

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री ने पुष्टि की कि यह टीकाकरण चार जनवरी से शुरू होगा।

देश में इस समय कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर चल रही है तथा कोरोना वायरस का अत्यधिक घातक नया प्रकार सामने आने के बाद मुश्किल और बढ़ गई है।

श्वांस रोग विशेषज्ञ और सरकार की आपात व्यवस्था को लेकर गठित वैज्ञानिक सलाहकार समूह के सदस्य प्रोफेसर कालम सेम्पल ने कहा, ‘‘टीका लेने वाले व्यक्ति कुछ हफ्तों में वायरस से सुरक्षित हो जााएंगे और यह बहुत महत्वपूर्ण है।’’

ब्रिटेन ने टीके की करीब 10 करोड़ खुराक के ऑर्डर दिए हैं जिनमें से चार करोड़ खुराक मार्च के अंत तक मिलने की उम्मीद है।

एस्ट्राजेनेका के प्रमुख पास्कल सोरियट ने जोर देकर कहा है कि अनुसंधानकर्ताओं ने अंतिम नतीजों को प्रकाशित करने से पहले टीके की दो खुराक का इस्तेमाल कर ‘‘ कारगर फार्मूला’’ हासिल किया है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि टीके को वायरस के नए प्रकार पर भी प्रभावी होना चाहिए जिसकी वजह से ब्रिटेन के अधिकतर हिस्सों में भय की स्थिति है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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