ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने मई में चुनाव कराने का आह्वान किया

कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने मई में चुनाव कराने का आह्वान किया है। यह चुनाव चीन की आर्थिक दादागीरी, जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 महामारी समेत कई अन्य मुद्दों पर लड़ा जाएगा।

मॉरिसन ने रविवार को ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्राध्यक्ष महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के प्रतिनिधि गवर्नर-जनरल डेविड हर्ले से चुनाव की तारीख निर्धारित करने की सिफारिश की।

वह रविवार शाम यह घोषणा कर सकते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में 14 मई को चुनाव होंगे या फिर 21 मई को। ऑस्ट्रेलिया में सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव गठबंधन चौथी बार तीन साल का कार्यकाल हासिल करने की कोशिशों में जुटा है।

2019 में हुए पिछले चुनाव में मॉरिसन ने अपने नेतृत्व वाले गठबंघन को मामूली अंतर से जीत दिलाई थी। हालांकि, चनाव पूर्व सर्वेक्षणों में विपक्षी दल ऑस्ट्रेलियन लेबर पार्टी को लगातार आगे बताया जा रहा था।

लिबरल पार्टी की अगुवाई वाला गठबंधन इस बार भी ज्यादातर सर्वेक्षणों में पीछे चल रहा है, लेकिन कई विश्लेषकों ने चुनाव में कांटे की टक्कर होने का अनुमान जताया है।

पिछली बार जब चुनाव हुआ था, तब ऑस्ट्रेलिया भीषण गर्मी और सूखे का सामना कर रहा था। वह साल ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणपूर्वी जंगलों में लगी भीषण आग के साथ खत्म हुआ था, जिसमें कम से कम 33 लोगों की झुलसने, जबकि 400 से अधिक लोगों की धुएं के कारण मौत हो गई थी।

उस समय मॉरिसन की हवाई में अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने की काफी आलोचना की हुई थी, क्योंकि उनका गृह नगर सिडनी जहरीले धुएं की गिरफ्त में था। लोगों के आक्रोश के बाद वह बीच में ही छुट्टियों से लौट आए थे।

नवंबर 2021 में स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए अधिक महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय न करने को लेकर भी उनकी काफी आलोचना हुई थी।

ऑस्ट्रेलियन लेबर पार्टी ने 2030 तक उत्सर्जन में 43 प्रतिशत तक की कमी लाने का भरोसा दिलाया है।

ऑस्ट्रेलिया शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर पाबंदियां लगाकर कोविड-19 महामारी से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या पर नियंत्रण पाने में कामयाब रहा था, लेकिन उसके लिए अधिक संक्रामक डेल्टा और ओमीक्रोन स्वरूप के प्रसार को रोकना काफी मुश्किल साबित हुआ। विपक्ष ने ऑस्ट्रेलिया में कोविड टीकाकरण की धीमी रफ्तार को लेकर भी सरकार को घेरा है।

चुनावों में चीन के साथ व्यापार संबंध का मुद्दा भी छाया रह सकता है। चीन ने हाल के वर्षों में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कई औपचारिक और अनौपचारिक व्यापार प्रतिबंध लगाए हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

%d bloggers like this: