कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी ‘तहरीक-ए-लब्बैक-पाकिस्तान’ पर औपचारिक रूप से प्रतिबंध लगा

इस्लामाबाद, पाकिस्तान ने कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक-पाकिस्तान (टीएलपी) पर आतंकवाद कानून के तहत बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया।

टीएलपी पर आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने और देश की शांति एवं सुरक्षा को भंग करने के लिए काम करने का आरोप लगाया।

प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की जिसमें टीएलपी पर प्रतिबंध लगाने की गृह मंत्रालय की रिपोर्ट को मंजूर कर लिया गया। टीएलपी को 2018 के आम चुनाव में 25 लाख वोट मिले थे।

‘डॉन’ अखबार के मुताबिक मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर टीएलपी को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया।

अधिसूचना में कहा गया है कि संघीय सरकार को ऐसे वाजिब कारण मिले हैं जिससे यकीन है कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त है। उसने देश की शांति-सुरक्षा भंग करने के इरादे से लोगों को डरा धमकाकर अराजकता फैलायी जिससे कानून लागू करने वाली एजेंसियों के कर्मियों को काफी नुकसान हुआ।

सरकार शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में प्रतिबंध की अधिसूचना पेश करेगी। इसके बाद उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर निर्वाचन आयोग टीएलपी की मान्यता खत्म कर देगा। पार्टी को गैर अधिसूचित किए जाने से टीएलपी के सांसद स्वत: अयोग्य हो जाएंगे।

गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने मीडिया से कहा कि सरकार पाकिस्तान में अराजकता फैलाने वालों को किसी तरह की छूट नहीं देगी।

टीएलपी ने अपने प्रमुख साद हुसैन रिजवी की गिरफ्तारी के बाद सोमवार को देशव्यापी प्रदर्शनों की शुरुआत की थी।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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