कुलदीप को भाजपा में शामिल होने से पहले आदमपुर के विधायक के तौर पर इस्तीफा देना चाहिए: हुड्डा

चंडीगढ़, कांग्रेस नेता एवं हरियाणा के विधायक कुलदीप बिश्नोई के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को कहा कि आदमपुर से विधायक बिश्नोई अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उन्हें ऐसा करने से पहले विधायक के तौर पर इस्तीफा दे देना चाहिए।

हुड्डा का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब बिश्नोई ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से रविवार को मुलाकात की। उन्होंने पिछले महीने हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ मतदान किया था।

हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह (बिश्नोई) अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन ऐसा करने से पहले उन्हें विधायक के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि आदमपुर के लोगों ने उन्हें कांग्रेस के विधायक के तौर पर चुना है।’’

उन्होंने संकेत दिया कि यदि बिश्नोई विधायक के पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो जाते हैं, तो कांग्रेस ऐसी स्थिति में आवश्यक उपचुनाव के लिए तैयार है।

राज्य में विपक्ष के नेता हुड्डा ने कहा, ‘‘आदमपुर में भी कांग्रेस (पहले सोनीपत में हुए) बड़ौदा (उपचुनाव) की तरह जीत हासिल करेगी।’’

आदमपुर के 53 वर्षीय विधायक ने नयी दिल्ली में भाजपा नेताओं से मुलाकात की और बाद में उनकी प्रशंसा की। बिश्नोई को पिछले महीने कांग्रेस ने पार्टी के सभी पदों से निष्कासित कर दिया था। उसके बाद से ही भाजपा से उनकी नजदीकियां बढ़ती जा रही हैं।

चार बार के विधायक और दो बार के सांसद बिश्नोई हरियाणा में कांग्रेस द्वारा प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए उनकी उपेक्षा किए जाने के बाद से ही पार्टी से नाराज हैं।

कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाने वाले उदय भान को अपनी हरियाणा इकाई का प्रमुख नियुक्त किया था।

हुड्डा ने पंजाब और हरियाणा की साझा राजधानी चंडीगढ़ के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि भाजपा नीत हरियाणा सरकार को राजधानी पर अपने दावे को कमजोर नहीं होने देना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा का 60-40 के अनुपात के साथ चंडीगढ़ पर पूरा अधिकार है।’’

हुड्डा ने कहा, ‘‘लेकिन मौजूदा सरकार राज्य के अधिकारों को कमजोर करने की लगातार कोशिश कर रही है। अपनी ही राजधानी में अतिरिक्त विधानसभा भवन की स्थापना के लिए केंद्र सरकार 500 करोड़ रुपये में 10 एकड़ जमीन का मूल्यांकन कर रही है। इससे स्पष्ट है कि सरकार चंडीगढ़ पर हरियाणा के अधिकार को कमजोर कर रही है।’’

शाह ने चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के अलग भवन के निर्माण के लिए जमीन देने की शनिवार को घोषणा की और इस कदम का राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं ने स्वागत किया।

हुड्डा ने ‘‘हरियाणा के अधिकारों को कमजोर किए जाने’’ को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) पर उच्चतम न्यायलय के फैसले और राज्य एवं केंद्र दोनों में भाजपा की सरकार होने के बावजूद, इस निर्णय को लागू नहीं किया जा रहा।’’

उन्होंने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में हरियाणा की पारंपरिक सदस्यता को भी समाप्त कर दिया गया और राज्य सरकार चुपचाप बैठी रही।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

%d bloggers like this: