केरल उच्च न्यायालय ने विस्मया मामले के दोषी की सजा पर रोक लगाने से इनकार किया

कोच्चि, केरल उच्च न्यायालय ने अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दोषी करार दिये गये एक पूर्व सहायक मोटर वाहन निरीक्षक को सुनाई गई 10 साल कैद की सजा पर रोक लगाने से मंगलवार को इनकार कर दिया।

उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने दोषी एस किरण कुमार द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सत्र न्यायालय द्वारा 24 मई को सुनाई गई सजा पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था।

कोल्लम स्थित सत्र न्यायालय ने उसे भारतीय दंड संहिता के तहत दहेज मृत्यु के लिए 10 साल, आत्महत्या के लिए उकसाने एवं दहेज उत्पीड़न के अपराधों के लिए छह साल और दो साल के कारावास, तथा दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत दहेज लेने के अपराध के लिए छह साल और दहेज मांगने के अपराध में एक साल कैद की सजा सुनाई थी।

हालाँकि, सभी सजाएं एक साथ चलेंगी और दोषी को अधिकतम 10 साल के लिए जेल में रहना होगा।

विस्मया (22) आयुर्वेद की मेडिकल छात्रा थी जो 21 जून, 2021 को कोल्लम जिले के सस्तमकोट्टा में अपने पति के घर में मृत पाई गई थी। घटना से एक दिन पहले, विस्मया ने पति द्वारा उत्पीड़न किए जाने को लेकर अपने रिश्तेदारों को व्हाट्सऐप संदेश तथा अपने घावों की तस्वीरें भेजी थीं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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