कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के मामलों के बाद दक्षिण अफ्रीका ने फिर से कड़े किए प्रतिबंध

जोहानिसबर्ग, कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के कारण तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर दक्षिण अफ्रीका ने सार्वजनिक जमावड़े पर रोक और रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू करने जैसे कदम उठाकर देश में फिर से कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए हैं।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने रविवार रात इस संबंध में घोषणा की। उन्होंने कहा कि नए प्रतिबंध 27 जून की मध्य रात्रि से एक पखवाड़े तक लागू रहेंगे जिसके बाद इनकी समीक्षा की जाएगी। राष्ट्रपति की घोषणा से पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 15,036 नए मामले आए तथा 122 लोगों की मौत हो गयी।

गौतेंग प्रांत में अतिरिक्त पाबंदियां लगायी गयी हैं क्योंकि संक्रमण के 60 प्रतिशत से ज्यादा मामले वहीं से आए हैं। व्यापार उद्देश्य के लिए आवागमन के अलावा प्रांत से आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।

प्रतिबंध के तहत दो सप्ताह के लिए सभी सार्वजनिक सभाओं पर रोक रहेगी। इस दौरान केवल अंतिम संस्कार की अनुमति होगी, लेकिन उनमें भी 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। रात नौ बजे से सुबह चार बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा। शराब की बिक्री पर रोक रहेगी। शैक्षणिक संस्थान भी शुक्रवार से बंद हो जाएंगे।

दुनिया के कम से कम 85 देशों में डेल्टा स्वरूप के संक्रमण के मामले आ चुके हैं और सबसे पहले इस स्वरूप की पहचान भारत में हुई थी। गौतेंग में संक्रमण के मामलों में वृद्धि के लिए इसी स्वरूप को जिम्मेदार माना जा रहा है।

रामाफोसा ने कहा कि 14 दिन के बाद पाबंदियों के असर की समीक्षा की जाएगी और फैसला किया जाएगा कि क्या आगे भी इन्हें जारी रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने के साथ वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पाबंदियां लागू की गयी है। अधिकतर व्यवसाय पूरी क्षमता से काम करना जारी रखेंगे और जब तक वे अपने कार्यस्थलों में स्वास्थ्य संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हैं, तब तक उन्हें प्रभावित नहीं होना चाहिए।’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारा ध्यान सामाजिक जमावड़ा सीमित करने के साथ आर्थिक गतिविधियां जारी रखने और आजीविका की रक्षा करने का है।’’

राष्ट्रपति ने आगाह करने के लिए वैज्ञानिकों और चिकित्सा पेशेवरों का भी शुक्रिया अदा किया जिन्होंने डेल्टा स्वरूप के कारण देश में तीसरी लहर आने की बात कही थी।

विट्स यूनिवर्सिटी में ‘वैक्सीन एंड इन्फेक्शियस डिजीज एनालिटिकल रिसर्च यूनिट’ के निदेशक शब्बीर माधी ने कहा, ‘‘अब तक जो संकेत मिले हैं, उससे प्रतीत होता है कि हम डेल्टा स्वरूप के संक्रमण का सामना कर रहे हैं। संक्रमण के फैलने की रफ्तार अप्रत्याशित है। अगले दो-तीन सप्ताह में लहर और तेज होने की आशंका है। इस दौरान अस्पताल में भर्ती और मौत के मामले भी बढ़ सकते हैं।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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