चालू वित्त वर्ष ही पहली छमाही में तेल कंपनियों को 21,201 करोड़ रुपए की हानि हुई : केंद्र

नयी दिल्ली, सरकार ने संसद में कहा कि चालू वित्त वर्ष ही पहली छमाही में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसीज) को 21,201 करोड़ रुपए की संयुक्त हानि हुई है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तीन ओएमसीज यानी आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में 21,201 करोड़ रुपए की करोपरांत संयुक्त हानि दर्ज की है।

उन्होंने कहा, ‘‘पेट्रोल और डीजल के मूल्य क्रमश: 26 जून 2010 और 19 अक्टूबर 2014 से बाजार निर्धारित हैं। तब से, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल और डीजल के मूल्य निर्धारण के संबंध में उपयुक्त निर्णय लेती हैं।’’

उन्होंने कहा कि इन कंपनियों ने रिकार्ड उच्च अंतरराष्ट्रीय मूल्यों के बावजूद पिछले साल छह अप्रैल से पेट्रोल और डीजल के मूल्यों को नहीं बढ़ाया है। इसके अलावा, भारत अपनी घरेलू एलपीजी (रसोई गैस) खपत के 60 प्रतिशत से अधिक का आयात करता है।

पुरी ने कहा कि 2021-22 से 2022-23 के बीच घरेलू एलपीजी की बिक्री पर तेल कंपनियों को हुई हानि की भरपाई के लिए सरकार ने 2022-23 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को 22,000 करोड़ रुपए के एकबारगी मुआवजे का भुगतान किया।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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