जलवायु परिवर्तन से क्या हो सकता है, कोविड19 संकट उसकी एक बानगी है : सिन्हा

नयी दिल्ली, संसद की वित्त-विषयक स्थायी समिति के चेयरमैन जयंत सिन्हा ने बुधवार को कहा कि ‘ जलवायु परिवर्तन बहुत ही गंभीर मुद्दा है’ और कोविड-19 महामारी का संकट एक तरह से वास्तव में इस बात की बानगी है कि पर्यावरण में बदालव पर रोक नहीं लगी तो कैसी-कैसी मुसीबतें आ सकती हैं।

सिन्हा बांबे वाणिज्य उद्योग मंडल (बीसीसीआई) के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत के सामने रोजगार सृजन एक भारी चुनौती है। देश में नौकरी के अवसर उस गति से नहीं पैदा हो रहे हैं, जिस गति से इसकी जरूरत है।

जलवायु परिवर्तन के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘ यह आज एक गंभीर मुद्दा है …. कोराना वायरस का संकट वास्तव में एक तरह से इस बात की झलक है कि जलवायु परिवर्तन पर अंकुश नहीं लगाया गया तो क्या घटित हो सकता है।’’

उन्होंने कहा कि दुनिया में कोविड-19 महामारी ने जो तांडव किया है उसको देश के सभी लोग चिंतित हैं। सिन्हा ने कहा कि जब सार्स वायरस (श्वसन-तंत्र में गंभीर संक्रमण उत्पन्न करने वाला विषाणु) आया था तो महामारियों के हर प्रतिष्ठित विशेषज्ञ ने चेतावनी दी थी दुनिया किसी गंभीर वैश्विक महामारी के संकट में पड़ने वाली है।

उन्होंने कहा ‘ वास्तव में लोगों को लगता है कि कोराना महामारी कोई बड़ी बात नहीं है। इससे बड़ी महामारी भी आ सकती है।’ उन्होंने कहा कि दुनिया इसकी रोकथाम के लिए कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि देशों को दीर्घकालिक चुनौतियों का सामना करने का तरीका नहीं पता है।

उन्होंने जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में यह भी कहा कि ‘कुछ साल में समुद्र तल ऊंचा होने से मुंबई जलमग्न होगा।’

सिन्हा ने कहा कि भारत में लोग अच्छी नौकरी खोजते हैं पर हम पर्याप्त गति से अच्छे अवसर सृजित नहीं कर पा रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों के लिए नवप्रवर्तन करना कठिन होता है पर बड़ी कंपनियां कार्बन उत्सर्जन कम करने के उपाय कर एक अच्छा काम कर रही हैं।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikipedia

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