जितेंद्र सिंह ने विज्ञान पत्रिकाओं के हिंदी व क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद की वकालत की

नयी दिल्ली, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि अपनी मातृभाषा में अध्ययन करने की इच्छा रखने वाले छात्रों और विद्वानों के लाभ के लिए पत्रिकाओं सहित विज्ञान साहित्य का हिंदी और अन्य स्थानीय भाषाओं में अनुवाद किया जाना चाहिए।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयों की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिंह ने कहा कि विज्ञान विभागों में सचिव-एम रविचंद्रन (पृथ्वी विज्ञान), एन कलैसेल्वी (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान), एस चंद्रशेखर (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) तथा राजेश गोखले (जैव-प्रौद्योगिकी) गैर-हिंदी पृष्ठभूमि से हैं लेकिन हमेशा हिंदी में बोलना पसंद करते हैं और हिंदी में काम को प्रोत्साहित करते हैं।

मंत्री ने समिति के सदस्यों से कुछ अच्छे विशेषज्ञों के बारे में सुझाव देने को कहा, जिन्हें विज्ञान पत्रिकाओं और अन्य दस्तावेजों के गुणवत्तापूर्ण अनुवाद के लिए मंत्रालयों द्वारा नियुक्त किया जा सकता है।

सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अक्टूबर में हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की किताबें जारी की थीं और मध्य प्रदेश इस भाषा में चिकित्सा शिक्षा देने वाला पहला राज्य बन गया।

उन्होंने यह भी कहा कि भाषाएं लोगों को जोड़ती हैं, उन्हें तब तक नहीं तोड़तीं जब तक कि उन्हें जबरन लागू नहीं किया जाता।

सिंह ने मंत्रालयों से मातृभाषा और आधिकारिक भाषा हिंदी दोनों के लिए अथक रूप से काम करने तथा और अधिक भाषाएं सीखने का प्रयास करने का आग्रह किया।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://mobile.twitter.com/DrJitendraSingh/photo

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