जिया अगर विदेश जाना चाहती हैं तो अपने गलत कामों को कबूल करें: बांग्लादेश के विधि मंत्री

ढाका, बांग्लादेश के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया इलाज के लिए अगर विदेश जाना चाहती हैं तो उन्हें अपने गलत कामों को कबूल करना चाहिए और राष्ट्रपति से माफी मांगनी चाहिए। इससे पहले, पूर्व प्रधानमंत्री की पार्टी के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि सरकार राजनीतिक कारणों के चलते उन्हें बेहतर चिकित्सा देखभाल के लिए देश से बाहर जाने से रोक रही है।

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीपीएन) की स्टैंडिंग समिति ने पिछले हफ्ते मांग की थी कि सरकार 76 वर्षीय पार्टी अध्यक्ष ज़िया को बेहतर इलाज के लिए तुरंत विदेश जाने की अनुमति दे।

‘द डेली स्टार बांग्लादेश’ की खबर के मुताबिक, संसद में बुधवार को विधि मंत्री अनीस उल हक ने कहा, “ज़िया को इलाज कराने के वास्ते विदेश जाने के लिए अपने गलत कामों को कबूल करना चाहिए और राष्ट्रपति से माफी मांगनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि अगर कोई इस पर अन्य कानूनी प्रावधान ढूंढ सकता है, तो वह अपना पेशा छोड़ देंगे।

बीएनपी के महासचिव मिर्जा फख्र उल इस्लाम आलमगीर ने पिछले हफ्ते कहा था, “उनके इलाज की देखरेख के लिए गठित मेडिकल बोर्ड के प्रमुख एएफएम सिद्दीकी ने बताया कि ज़िया कोविड-19 से उबर चुकी हैं, लेकिन कोविड के बाद की जटिलताओं से पीड़ित हैं। वह अभी खतरे से बाहर नहीं है।”

आलमगीर ने कहा था कि उन्हें जिगर और अन्य जटिलताओं के बेहतर इलाज के लिए विदेश ले जाने की जरूरत है। बीपीएन के सांसद हारून उर रशिद और मुशर्रफ हुसैन ने आरोप लगाया है कि सरकार राजनीतिक कारणों के चलते ज़िया को विदेश जाने की इजाजत नहीं दे रही है।

आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए विधि मंत्री ने कहा कि ज़िया के परिवार के सदस्यों ने उनकी रिहाई के लिए आवेदन दिया था और कहा था कि उन्हें विदेश ले जाना होगा,“ लेकिन अपने आवेदन में, उन्होंने कानून के किसी प्रावधान का उल्लेख नहीं किया। हमने (दंड संहिता की) धारा 401 के तहत अपील पर विचार किया और उनकी सजा को दो शर्तों पर निलंबित कर दिया गया और उन्हें रिहा कर दिया गया।”

उन्होंने कहा कि यह दो शर्तें थी कि वह घर पर इलाज कराएंगी और उनका उपचार देश में ही होगा। मंत्री के मुताबिक, ज़िया के परिवार ने ये शर्तें मान ली थी और उन्हें जेल से घर ले गए थे।

कोरोना वायरस महामारी के बीच पिछले साल 25 मार्च को, दो बार देश की प्रधानमंत्री रही ज़िया को छह महीने के लिए जेल से रिहा किया गया था और भ्रष्टाचार के दो मामलों में उनकी सज़ा को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद रिहाई की अवधि को कई बार बढ़ाया जा चुका है।

ज़िया को कोरोना वायरस से दूसरी बार संक्रमित होने के तीन दिन बाद 28 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले वह 11 अप्रैल को संक्रमित पाई गई थी। उन्हें आर्थराइटिस, मधुमेह और आंखों से संबंधित परेशानी है। उन्हें 19 जून को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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