जी-7 देश 2035 तक विद्युत क्षेत्र में ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन काफी मात्रा में खत्म करने का लक्ष्य रखेंगे

बर्लिन, जी-7 देशों के मंत्रियों ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वे अपने विद्युत क्षेत्र से ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन 2035 तक बड़े पैमाने पर खत्म करने का लक्ष्य रखेंगे। विश्व के सात धनी देशों के मंत्रियों ने बर्लिन में बैठक की। उन्होंने यह भी घोषणा की कि 2030 तक सड़क क्षेत्र को कार्बन मुक्त कर दिया जाएगा, जिसका यह मतलब है कि ‘इलेक्ट्रिक वाहन’ दशक के अंत तक नयी कारों की बिक्री में छा जाएंगे।

वहीं, अंतरराष्ट्रीय जलवायु वार्ता के दौरान अमीर और गरीब देशों के बीच जारी टकराव को खत्म करने के लक्ष्य के साथ जी-7 ने ‘ग्लोबल वार्मिंग’ और उससे होने वाले नुकसान से निपटने के लिए विकासशील देशों को अतिरिक्त वित्त मुहैया करने की जरूरत को पहली बार मान्यता दी है।

जर्मनी के एलमाउ में जी-7 सम्मेलन में अगले महीने नेताओं के समक्ष रखे जाने वाले समझौतों का जलवायु कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है।

उल्लेखनीय है कि कोयला सर्वाधिक प्रदूषणकारी जीवाश्म ईंधन है, जो मानव द्वारा उत्पन्न वैश्विक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के 20 प्रतिशत हिस्से के लिए जिम्मेदार है।

जी-7 सदस्यों ब्रिटेन,फ्रांस और इटली ने विद्युत उत्पादन के लिए अगले कुछ वर्षों में कोयले का उपयोग रोकने के वास्ते खुद के लिए समय सीमा तय कर ली है।

जर्मनी और कनाडा 2030 का लक्ष्य रख रहे हैं, जबकि जापान और अधिक समय चाहता है। वहीं, अमेरिका ने विद्युत उत्पादन के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग खत्म करने के वास्ते 2035 का लक्ष्य रखा है।

अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी ने बर्लिन में जिन समझौतों पर सहमति बनी है उन्हें बहुत व्यापक बताया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जी-20 में जो कुछ होना है उसके लिए यह आधार तैयार करने में मदद करेगा।’’

जर्मनी के उर्जा और जलवायु मंत्री रॉबर्ट हाबेक ने कहा कि 40 पन्नों का बयान इस तथ्य को नहीं छिपा सकता कि जी-7 देश लंबे समय से ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में पीछे रहे हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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