जी7 ने नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था, क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता के सम्मान की प्रतिबद्धता जताई

एल्माउ (जर्मनी), रणनीतिक रूप से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बल प्रयोग के बीच, जी7 समूह और भारत सहित उसके पांच सहयोगी देशों के नेताओं ने कहा है कि वे एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देने, अन्य राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का सम्मान करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित सिद्धांतों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अंतर-सरकारी राजनीतिक समूह जी7 ने एक संयुक्त बयान में लोकतंत्र के सिद्धांतों और मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रत्येक देश में मौजूद राष्ट्रीय कानूनों और नियमों के महत्व को स्वीकार किया।

समूह ने एक बयान में सोमवार को कहा, ‘‘हम- जर्मनी, अर्जेंटीना, कनाडा, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेता- अपने लोकतंत्रों के लचीलेपन को मजबूत करने और जलवायु परिवर्तन एवं कोविड-19 वैश्विक महामारी समेत वैश्विक चुनौतियों के समानता पर आधारित, समावेशी और स्थायी समाधानों की ओर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं तथा नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।’’

इस समूह के अनुसार, उसने ‘2021 कार्बिस बे ओपन सोसाइटीज स्टेटमेंट’ का संज्ञान लिया और तब से भू-राजनीतिक स्थिति में आए ‘‘नाटकीय बदलावों’’ को देखते हुए दुनिया भर की लोकतांत्रिक प्रणालियों के समक्ष मौजूद बड़े खतरों पर बात की।

बयान में कहा गया, ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा मान्यता प्राप्त शांति, मानवाधिकारों, कानून के शासन, मानव सुरक्षा और लैंगिक समानता की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर दृढ़ हैं और अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से इन प्रयासों में शामिल होने का आग्रह करते हैं।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘हम लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के सभी साहसी रक्षकों की सराहना करते हैं जो उत्पीड़न और हिंसा के खिलाफ खड़े होते हैं और जो वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक समाजों के लचीलेपन में सुधार के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को आगे बढ़ाएंगे।’’

इसमें कहा गया है कि जी7 नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को प्रोत्साहित करना चाहता है, वह अन्य देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करता है, संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित सिद्धांतों का सम्मान एवं रक्षा करता है, संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है, अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रतिकूल हर प्रकार के बल प्रयोग और खतरे का विरोध करता है, मानवाधिकारों की रक्षा करता है, वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए बहुपक्षीय संस्थानों को मजबूत करता है और मानवता के लाभ के लिए लोकतांत्रिक सिद्धांतों के अनुसार प्रौद्योगिकियों का विकास एवं उपयोग करता है।

यह बयान ऐसे समय में मायने रखता है, जब यूक्रेन पर रूस के हमले जारी हैं और हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन ने आक्रामक कदम उठाए हैं।

जी 7 देशों ने कहा कि वे दुनिया भर में लोकतंत्र और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों का समर्थन करने तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मिलकर काम करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

समूह ने भ्रष्टाचार, अवैध वित्तीय प्रवाह, संगठित अपराध, साइबर अपराध और अन्य अवैध गतिविधियों से लड़ने का भी संकल्प लिया। उसने मुक्त, निष्पक्ष, भेदभाव नहीं करने वाले, नियम-आधारित और सतत व्यापार की वकालत करने, वैश्विक असमानताओं को कम करने, जीवन स्तर में सुधार करने, मुक्त एवं लचीली अर्थव्यवस्थाओं को बनाए रखने और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधार सहित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को मजबूत करने की प्रतिबद्धता भी जताई।

जी7 कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका का एक अंतर-सरकारी राजनीतिक समूह है। जी7 शिखर सम्मेलन के मेजबान जर्मनी ने भारत के अलावा अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका को अतिथि के रूप में सम्मेलन में आमंत्रित किया था।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://en.wikipedia.org/wiki/48th_G7_summit#/media/File:G7-Germany-2022.svg

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