जेल में बंद राकांपा नेता मलिक, देशमुख ने शक्ति परीक्षण में भाग लेने के लिए न्यायालय का रुख किया

नयी दिल्ली, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के जेल में बंद विधायक नवाब मलिक और अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र विधानसभा में शक्ति परीक्षण में भाग लेने की अनुमति मांगने के लिए बुधवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की अवकाशकालीन पीठ को अधिवक्ता सुधांशु एस चौधरी ने बताया कि दोनों विधायकों पर धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं और वे जेल में हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों नेता महाराष्ट्र विधानसभा में बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे होने वाले शक्ति परीक्षण में भाग लेना चाहते हैं।

चौधरी ने कहा कि वे मामले में हस्तक्षेप करने के अनुरोध वाली याचिका दायर कर रहे हैं, जिस पर शिवसेना नेता सुनील प्रभु की याचिका के बाद सुनवाई हो सकती है। प्रभु ने महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को बृहस्पतिवार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने के लिए दिए गए निर्देश को चुनौती दी है।

पीठ ने कहा कि वह उनकी अर्जी पर शाम साढ़े पांच बजे सुनवाई करेगी।

शीर्ष न्यायालय ने 20 जून को मलिक और देशमुख की महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में वोट डालने के लिए जेल से अस्थायी रूप से रिहा करने के अनुरोध वाली याचिका ठुकरा दी थी।

हालांकि, एक अवकाशकालीन पीठ ने मामले में महाराष्ट्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया था और जन प्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा 62(5) की व्याख्या से संबंधित मुद्दे पर सुनवाई के लिए राजी हो गयी थी, जिसमें जेल में बंद लोगों को मतदान से रोकने का प्रावधान है।

इससे पहले, मलिक और देशमुख ने महाराष्ट्र से 10 जून को राज्यसभा के चुनाव में मतदान के लिए अस्थायी जमानत देने का अनुरोध करते हुए अदालतों का रुख किया था लेकिन उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया गया।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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