‘जॉनसन की भारत यात्रा रद्द होने से व्यापारिक साझेदारी की गति प्रभावित नहीं होनी चाहिए’

लंदन, कोविड-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा अगले सप्ताह निर्धारित अपनी भारत यात्रा रद्द किये जाने को उद्योग प्रमुखों और रणनीतिक विशेषज्ञों ने सोमवार को एक सुर में सही कदम करार दिया और विश्वास जताया कि इससे ब्रिटेन-भारत की मजबूत व्यापारिक साझेदारी की गति प्रभावित नहीं होगी।

जॉनसन ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है और यह निष्कर्ष निकाला है कि बड़े दु:ख की बात है कि 25-26 अप्रैल को होने वाली यात्रा को रद्द करना पड़ा।

दोनों पक्षों को व्यापार, निवेश और जलवायु परिवर्तन संबंधी कार्रवाई के क्षेत्र में भारत-ब्रिटेन के संबंधों में नयी ऊर्जा का संचार करने के लिहाज से ‘रोडमैप 2030’ पर सहमति बनानी है। अब उम्मीद है कि दोनों नेता डिजिटल तरीके से आपस में सम्पर्क करेंगे।

कन्फेडरेशन ऑफ ब्रिटिश इंडस्ट्री (सीबीआई) के अध्यक्ष लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने कहा कि दृष्टि उस अवधि के दौरान चौगुनी द्विपक्षीय व्यापार की होगी और चर्चाएं ऑनलाइन होने से वह प्रभावित नहीं होनी चाहिए।

कोबरा बीयर के संस्थापक बिलिमोरिया ने कहा, ‘‘हालांकि, यह निराशाजनक है, लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा भारत यात्रा को स्थगित करने का परस्पर निर्णय सही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अब यह देखना है कि गति बरकरार रहे, व्यवसायों को अभी भी उम्मीद है कि भारत के साथ उन्नत व्यापार सौदा होने वाला है। यह एक परिवर्तित ब्रिटेन-भारत संबंध के लिए, ब्रिटेन-भारत व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए महत्वपूर्ण है।’’

कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) द्विपक्षीय संबंधों को लेकर उतना ही उत्साहित है, भले ही भारत में कोरोना वायरस संक्रमण दर में वृद्धि के कारण यात्रा रद्द हो गई है।

सीआईआई यूके-इंडिया बिजनेस फोरम के अध्यक्ष जिम ब्लीग ने कहा, ‘‘भारत में मौजूदा कोविड-19 ​​स्थिति को देखते हुए यह सही है कि प्रधानमंत्री जॉनसन की यात्रा स्थगित कर दी गई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उद्योगों को पता है कि इसके बावजूद एक बढ़ी हुई व्यापारिक साझेदारी पर बातचीत जारी है और हमें उस महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। ऐसे में जब ब्रिटेन और भारत एक महत्वाकांक्षी नए व्यापारिक संबंध की शुरुआत करने वाले हैं, दोनों देशों के नेताओं के लिए सुरक्षित समय में मिलने के कई और अवसर होंगे।’’

लंदन स्थित थिंकटैंक ‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) ने ब्रिटिश सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई एकीकृत समीक्षा की ओर इशारा किया, जिसमें भारत को ब्रिटेन की विदेश नीति के बदलाव के “प्रमुख स्तंभ” के रूप में वर्गीकृत किया गया है और यह निष्कर्ष निकाला कि अंतिम समय में परिवर्तन से उस आधार रणनीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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