तुच्छ मामलों को रोकने के लिए वाणिज्यिक विषयों में सुनवाई-पूर्व शुल्क लगाने का यह समय:सीजेआई

नयी दिल्ली, प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि यह समय वाणिज्यिक मामलों में सुनवाई से पहले शुल्क लगाने का है, ताकि वाणिज्यिक विषयों से जुड़े तुच्छ मामलों पर उच्चतम न्यायालय में बहस किये जाने को रोका जा सके।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने मौखिक टिप्पणी की और कहा कि इस तरह के तुच्छ वाणिज्यिक मामलों ने अदालत का बहुत समय बर्बाद किया है और इस पर लगाम लगाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘शीर्ष अदालत में आने वाले वाणिज्यिक मामलों में अग्रिम शुल्क लगाने का समय आ गया है…वाणिज्यिक मामलों में उच्चतम न्यायालय के लिए यह समय है, जब यह कहा जाए कि पहले पांच करोड़ रुपये जमा कीजिए और यदि मामला तुच्छ निकला तो लागत राशि हमारे पास ही रहेगी।’’

प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पीठ एक वाणिज्यिक विवाद मामले में उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको यह एहसास नहीं है कि आप ऐसे मामलों के लिए शीर्ष अदालत आते हैं और न्यायिक समय लेते हैं। आप उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के अंतरिम आदेश को चुनौती दे रहे हैं… हम क्यों दखल दें।’’

याचिकाकर्ता ने इसके बाद अपनी याचिका वापस ले ली।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://en.wikipedia.org/wiki/Dhananjaya_Y.Chandrachud#/media/File:Dhananjaya_Chandrachud_updated_picture(cropped).jpg

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