दुनिया के सबसे मेधावी छात्रों की सूची में शामिल पेरियानायगम ने कहा-परिवार ने कभी दबाव नहीं बनाया

न्यूयॉर्क, दुनिया के सबसे मेधावी छात्रों की सूची में शामिल 13 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी नताशा पेरियानायगम का कहना है कि उनके माता-पिता ने कभी उन पर पढ़ाई में अव्वल आने का दबाव नहीं डाला और यही उनका सबसे बड़ा सहयोग था।

             ‘जॉन्स हापकिंस सेंटर फॉर टैलेंटेड यूथ’ द्वारा न्यू जर्सी में फ्लोरेंस एम गॉडिनीयर मिड्ल स्कूल की छात्रा पेरियानायगम को लगातार दूसरे वर्ष ‘‘दुनिया के सबसे मेधावी’’ छात्रों की सूची में शामिल किया गया। यह परिणाम 76 देशों में 15,000 छात्र-छात्राओं की ग्रेड-स्तरीय परीक्षा के परिणामों पर आधारित है।

             पेरियानायगम ने मंगलवार को ‘पीटीआई’ को एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे पता है कि मेरे माता-पिता इससे खुश हैं और मेरी बड़ी बहन भी।’’

             यह दूसरी बार है जब ‘द जॉन्स हापकिंस सेंटर फॉर टैलेंटेड यूथ’ (सीटीवाई) द्वारा दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली छात्रों की सूची में पेरियानायगम ने जगह बनाई। वर्ष 2021 में पेरियानायगम 84 देशों के लगभग 19,000 छात्रों में से एक थीं, जो 2020-21 ‘टैलेंट सर्च’ परीक्षा में शामिल हुए थे। ‘सीटीवाई टैलेंट सर्च’ परीक्षा के प्रतिभागियों में से 20 प्रतिशत से भी कम ‘सीटीवाई हाई ऑनर्स अवार्ड्स’ के लिए योग्य होते हैं।

             विश्वविद्यालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पेरियानायगम 76 देशों के उन 15,300 छात्रों में शामिल थीं, जो 2021-22 में सीटीवाई में शामिल हुए थे। उन प्रतिभागियों में से 27 प्रतिशत से भी कम ‘सीटीवाई सेरेमनी’ के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं। अपने नवीनतम प्रयास में, पेरियानायगम ने सभी उम्मीदवारों के बीच उच्चतम ग्रेड प्राप्त किए।

             अपने माता-पिता से मिले समर्थन और प्रोत्साहन को लेकर एक सवाल पर पेरियानायगम ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्होंने मुझे जो सबसे अच्छा सहयोग दिया, वह यह कि उन्होंने कभी यह दबाव नहीं बनाया कि ‘आपको यह करना है’।’’

             पेरियानायगम ने कहा कि उनके माता-पिता चेन्नई से हैं, जिन्होंने परीक्षा देने के लिए कभी उन्हें मजबूर नहीं किया। छात्रा ने कहा, ‘‘कोई बाहरी दबाव नहीं था। उन्होंने इसे मेरे ऊपर छोड़ दिया। मैंने आखिरी तारीख (परीक्षा) तक इंतजार किया। मैं उठी और सोचा कि निश्चित तौर पर ऐसा करूंगी।’’

             पेरियानायगम ने कहा कि उन्होंने 2021 में जॉन्स हापकिंस सेंटर फॉर टैलेंटेड यूथ (सीटीवाई) की परीक्षा दी थी, जब वह कक्षा 5 की छात्रा थी। छात्रा ने कहा कि इससे उन्हें 2022 में अगले स्तर के लिए परीक्षा देने का प्रोत्साहन मिला।

             उन्होंने कहा, ‘‘परीक्षा देने के लिए आपको दो प्रकार के सम्मान मिल सकते हैं। एक है ‘हाई ऑनर्स’ और दूसरा है ‘ग्रैंड ऑनर्स।’ पिछले साल, मुझे ‘हाई ऑनर्स’ मिला और मुझे पता था कि एक और स्तर है जिस पर मैं पहुंच सकती हूं। मैंने तय किया कि शायद मुझे इस बार ‘ग्रैंड ऑनर्स’ मिलेगा। मैंने (परीक्षा) दी और इस बार मुझे ‘ग्रैंड ऑनर्स’ मिला।’’

             पेरियानायगम ने कहा कि उन्होंने परीक्षाओं के लिए अलग से ‘‘तैयारी नहीं की’’ क्योंकि स्कूल में वह पहले से ही कुछ उन्नत कक्षाओं में नामांकित है। उन्होंने कहा, ‘‘तो इसने मुझे इसके लिए अच्छी तरह से तैयार किया। मैंने स्कूल के बाहर भी कुछ अतिरिक्त अभ्यास किया।’’

             पेरियानायगम ने कहा कि अन्य युवाओं के लिए उनका संदेश यह है कि ‘‘यदि आप ऐसा कुछ हासिल करना चाहते हैं, तो पहले इसे आजमाएं…जब तक आप कुछ करेंगे नहीं, आप कभी नहीं जान पाएंगे कि आपकी वास्तविक क्षमता क्या है। तो बस एक अवसर हासिल करें।’’

             छात्रा ने कहा कि वास्तुकला और विज्ञान दो ऐसे विषय हैं जिसमें उसकी जबरदस्त रुचि है । हालांकि भविष्य में क्या पढ़ना है, यह अभी तय नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआत में लंबे समय तक, मैंने सोचा कि मैं एक वास्तुकार बनना चाहती हूं…मुझे गणित भी पसंद है। लेकिन फिर मुझे एहसास हुआ कि विज्ञान मेरे लिए बहुत दिलचस्प है। तो शायद मैं विज्ञान में कुछ करूं या शायद कला के साथ आगे बढूं।’’

             सीटीवाई दुनियाभर में असाधारण मेधावी छात्रों की पहचान के लिए ऊपरी-ग्रेड स्तरीय परीक्षा का आयोजन करता है और उनकी अकादमिक क्षमताओं के बारे में स्पष्ट तस्वीर पेश करता है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

%d bloggers like this: