देश में कोरोना वायरस का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या डेढ़ लाख के पार, कुछ राज्यों में बढ़े मामले

नयी दिल्ली, भारत में लगातार पांचवें दिन कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ और उपचारधीन मरीजों की संख्या 17 दिन बाद सोमवार को 1.5 लाख के पार चली गई।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि देश में संक्रमण के कुल मामले 1.10 करोड़ के पार चले गए हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 14,199 नए मरीजों की पुष्टि के बाद कुल मामले बढ़कर 1,10,05,850 हो गए हैं। वहीं 24 घंटे में 83 संक्रमितों के दम तोड़ने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 1,56,385 हो गई है।

मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, पंजाब और मध्य प्रदेश में दैनिक मामलों में बढ़ोतरी के कारण संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।

भोपाल में सरकारी अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश आने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी।

आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 का उपचार करा रहे मरीजों की संख्या बढ़कर 1,50,055 हो गई, जो कि कुल मामलों का 1.36 फीसदी है।

देश में संक्रमण का उपचार करा रहे मरीजों की संख्या पांच फरवरी को 1,51,460 थी।

भारत में सोमवार को संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 4421 का इजाफा हुआ जो 26 नवंबर के बाद सबसे ज्यादा है।

भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख के से ज्यादा हो गए थे, जबकि 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख का आँकड़ा पार किया था। 28 सितंबर को यह 60 लाख के पार चला गया, जबकि 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार किया था।

देश में अब तक 1,06,99,410 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और संक्रमण मुक्त होने की राष्ट्रीय दर 97.22 फीसदी है। वहीं, मृत्यु दर 1.42 फीसदी है।

राष्ट्रीय स्तर पर नमूनों के संक्रमित आने की दर 5.20 फीसदी है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को देश में जारी कोविड-19 टीकाकरण अभियान की समीक्षा की जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, गृह सचिव अजय भल्ला और दोनों मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।

कर्नाटक सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उसने कोरोना वायरस की वजह से अंतरराज्यीय यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है लेकिन पड़ोसी केरल और महाराष्ट्र से आ रहे लोगों के लिए आरटी-पीसीआर पद्धति से की गई जांच में निगेटिव होने का प्रमाण पत्र जरूरी कर दिया गया है जो 72 घंटे से अधिक पुराना नहीं हो।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने संक्रमण से बचाव के उपाय मानने में लापरवाही को लेकर चेताते हुए कहा कि अगर मामलों की संख्या बढ़ी तो सख्त कदम उठाए जाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि शादियों में सिर्फ 500 लोग ही शिरकत करें और आयोजन में कोविड-19 से संबंधित नियमों का पालन हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मार्शल तैनात किए जाएंगे।

पड़ोसी केरल के कासरगोड से मंगलुरू या दक्षिण कन्नड़ आने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

सीमा पर सुबह से ही गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें देखी गईं।

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कुछ राज्यों में मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए जरूरी सतर्कता में कमी नहीं आनी चाहिए।

सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक बसें और मेट्रो ट्रेनें कम से कम दो और हफ्तों तक सीमित क्षमता के साथ ही चलेंगी। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने यात्रियों की संख्या यथास्थिति बनाए रखने का सोमवार को फैसला किया।

महाराष्ट्र में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 5,210 नए मामले सामने आए और मुंबई महानगर क्षेत्र में पिछले 24 घंटे में महामारी से किसी की भी मौत नहीं हुई।

मुंबई में संक्रमण के 760 नए मरीज आए। शहर में दो दिन तक नए मामलों की संख्या 900 से अधिक थी।

बृहन्मुंबई महानगरपालिका के मुताबिक, मुंबई में आठ फरवरी से उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 36.38 प्रतिशत वृद्धि देखी गई है।

निकाय अधिकारियों ने कहा कि लोगों की लापरवाही, लोकल ट्रेनों में आम जनता को यात्रा करने की अनुमति देना और अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को खोलने से कोविड-19 के मामले बढ़े हैं।

बीएमसी के आंकड़ों के अनुसार, देश की वित्तीय राजधानी में आठ फरवरी को कोविड-19 के 5,335 मरीज उपचाराधीन थे और यह संख्या बढ़कर रविवार को 7,276 हो गई।

बीएमसी के अतिरिक्त नगर आयुक्त सुरेश ककनी ने कहा कि जैसे ही प्रतिबंधों में ढील दी गई, मॉल, रेस्तरां, पब, क्लब और विवाह आयोजनों तथा अन्य समारोहों में भीड़ बढ़ने लगी जिसके कारण संक्रमण के मामले भी बढ़े।

उन्होंने कहा, “बहुत से लोग ऐसे बर्ताव कर रहे हैं जैसे कोविड-19 का खतरा नहीं है। वह सार्वजनिक स्थलों पर नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।”

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए पहले से तय अपने सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सोमवार से राज्य में धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक सभाएं प्रतिबंधित होंगी।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में कोरोना वायरस की स्थिति की समीक्षा बैठक में कहा, ‘‘कोरोना के संबंध में लगातार सतर्कता जरूरी है। थोड़ी सी लापरवाही विकराल रूप ले सकती है।’’

उन्होंने महाराष्ट्र से लगे मध्यप्रदेश के सभी जिलों में आने वाले व्यक्तियों का थर्मल परीक्षण करने के निर्देश दिए। चौहान ने इंदौर और भोपाल में तत्काल मास्क की अनिवार्यता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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