धर्म का उपयोग राजनीतिक हथियार के रूप में नहीं होने देंगे : प्रधानमंत्री शेख हसीना

ढाका, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को लोगों को चेताया कि देश में धार्मिक कट्टरता फिर से पनप सकती है और कहा कि उनकी सरकार सामाजिक अशांति फैलाने के लिए ‘‘राजनीतिक हथियार’’ के रूप में धर्म का इस्तेमाल करने की हर कोशिश नाकाम करने को प्रतिबद्ध है।

50वें मुक्ति दिवस की पूर्व संध्या पर हसीना ने टीवी पर प्रसारित एक संदेश में कहा, ‘‘राजनीतिक हथियार के रूप में धर्म का इस्तेमाल ना करें, हम किसी को भी धर्म के नाम पर देश में अराजकता फैलाने या बंटवारा नहीं करने देंगे।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि 1971 के मुक्ति संग्राम में हारने वालों का एक धड़ा राजनीति में उतरा है और वह सामान्य मुसलमानों को भ्रामक संदेशों के जरिए बरगला रहा है, ताकि देश में अशांति फैल सके और बांग्लादेश वहीं पहुंच जाए जहां से हम 50 साल पहले निकले थे।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक शह पाकर ये तत्व सरकार को आंखें दिखाने की जुर्रत भी कर रहे हैं जबकि राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजिब-उर-रहमान ने दशकों पहले धर्म का उपयोग राजनीतिक हथियार के रूप में करने को लेकर देश को चेताया भी था।

उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश के लोग धार्मिक हैं, धर्मांध नहीं, इस देश के लोग प्रगति, विकास और धार्मिक मूल्यों को बनाए रखने की ओर आगे बढ़ेंगे।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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