धार्मिक स्थलों में एक बार में पांच से ज्यादा लोगों के जमा होने पर पाबंदी

लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इसकी रोकथाम के संबंध में रविवार को विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए।

राज्य के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने प्रदेश के सभी मंडल आयुक्तों, जिलाधिकारियों, क्षेत्रीय, परिक्षेत्रीय तथा जिला पुलिस प्रमुखों को भेजे गए निर्देश में कहा कि राज्य में अब निषिद्ध क्षेत्रों को छोड़कर शेष स्थानों पर धर्म स्थलों के अंदर एक बार में एक स्थान पर पांच से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाई गई है।

उन्होंने कहा कि प्रार्थना सभाओं के लिए एक ही चटाई या दरी के प्रयोग से बचा जाए और श्रद्धालु अपने साथ मैट, दरी या चादर लेकर आएं। मुख्य सचिव के अनुसार इसके अलावा धर्मस्थल केंद्र में किसी तरह के प्रसाद वितरण या पवित्र जल के छिड़काव आदि की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि साथ ही एक दूसरे को बधाई देते समय शारीरिक संपर्क से बचना होगा।

मुख्य सचिव ने निर्देशों में कहा कि राज्य में किसी भी बंद स्थान जैसे कि हॉल या कमरे के निर्धारित क्षमता का पचास फीसद और अधिकतम 50 व्यक्तियों तक ही फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजर तथा हैंडवाश की उपलब्धता की अनिवार्यता के साथ कार्यक्रम में इकट्ठे हो सकेंगे। उनके अनुसार इसी तरह खुले स्थानों, मैदान पर ऐसे स्थानों के क्षेत्रफल की 50% से कम क्षमता तक लेकिन एक समय में अधिकतम 100 व्यक्तियों तक ही संपूर्ण कोविड-19 कॉल की अनिवार्यता के साथ किसी कार्यक्रम में शामिल होने की इजाजत दी जाएगी।

उन्होंने अपने निर्देश में कहा कि स्थानीय मंडियों को इस तरह संचालित किया जाए जिससे वहां फुटकर बिक्री के कारण भीड़ भाड़ ना हो सके और नियंत्रित तरीके से काम हो। तिवारी ने कहा कि अगर जरूरी हो तो जिला स्तर पर ऐसी स्थानीय मंडियों को भीड़भाड़ वाले स्थानों से दूर या अन्य खुले स्थानों पर को भी प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करते हुए स्थानांतरित करने पर भी विचार कर कार्यवाही की जाए।

उन्होंने कहा कि मंडी में अलग-अलग दुकानों को अलग-अलग समय पर खोला जाए तथा फुटकर दुकानों को सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक संचालित किया जाए जिससे एक ही समय में ज्यादा लोग इकट्ठा ना होने पाएं। उनका कहना था कि सभी प्रमुख मंडियों में सुबह चार से आठ के बीच ट्रकों की आवाजाही निर्बाध रूप से कराई जाए।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों के समस्त स्तरों के कार्यालयों जैसे कि कचहरी, तहसील, विकास भवन, विकास खंड कार्यालय, पुलिस के सभी दफ्तर, थाने और औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने के भी निर्देश दिए और कहा कि जिन कार्यालयों में अभी तक यह हेल्प डेस्क स्थापित नहीं की गई है उन्हें तत्काल अमल में लाया जाए।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण के लिए रोजाना 100 से अधिक मामले अथवा 500 से अधिक उपचाराधीन मामलों वाले जिलों में रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक कोरोना कर्फ्यू लगाने पर विचार किया जाए तथा इस दौरान सभी कंटेनमेंट जोन में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि मास्क का उपयोग करने का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए और हर पुलिसकर्मी भी मास्क तथा दस्ताने अनिवार्य रूप से पहनें।

तिवारी ने बताया कि आदेश में रेलवे स्टेशनों पर कोविड-19 के संक्रमण से पूर्ण सतर्कता बरती जानी जरूरी है, इसके लिए आवश्यक है कि रेलवे स्टेशन पर आने वाले सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग और एंटीजन टेस्ट और आवश्यकतानुसार आरटी पीसीआर टेस्ट कराया जाए। उनका कहना था कि रेलवे स्टेशनों पर वर्तमान में आ रही समर स्पेशल ट्रेनों में अत्यधिक संख्या में यात्री आ रहे हैं जिसके मद्देनजर एक समय में ट्रेन के सभी यात्रियों के परीक्षण के लिए टीमें लगाई जाएं।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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