धोखाधड़ी मामले में अभिनेता विक्रम गोखले को अग्रिम जमानत से इनकार

पुणे, पुणे की एक अदालत ने एक भूमि बिक्री परियोजना में कथित धोखाधड़ी के एक मामले में अभिनेता विक्रम गोखले द्वारा दायर अग्रिम जमानत की अर्जी मंगलवार को खारिज कर दी। गोखले और दो अन्य जयंत म्हालगी और सुजाजा म्हालगी के खिलाफ मामला इस वर्ष मार्च में शहर के पौड़ पुलिस थाने में दर्ज किया गया था।

अभियोजक पुष्कर सापरे ने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश माधुरी देशपांडे ने गोखले की अग्रिम जमानत की अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए एक विस्तृत जांच जरूरी है।

म्हालगी ने एक कंपनी, सुजाता फार्म्स शुरू की थी जिसमें गोखले कथित तौर पर चेयरमैन थे। कंपनी ने पुणे जिले की मुलशी तहसील में भूमि भूखंड बेचने के लिए गिरिवन नामक एक परियोजना शुरू की थी।

शिकायतकर्ता जयंत बहीरात ने आरोप लगाया है कि तीनों ने उससे एवं अन्य से 96.99 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। अभियोजन के अनुसार गोखले और अन्य दो ने झूठे ही दावा किया कि वह एक सरकार द्वारा मान्य परियोजना है और भूखंड बहीरात और अन्य को बेच दिये।

उसने कहा कि हालांकि जो वास्तविक भूखंड खरीददारों को हस्तांतरित किये गए वे अलग थे और उनसे छोटे थे जिनका उल्लेख करीब 25 वर्ष पहले बिक्री पत्रों में किया गया था।

गोखले ने अपनी अर्जी में दलील दी कि वह सुजाता फार्म्स के न तो निदेशक हैं और न ही चेयरमैन हैं और वह किसी बिक्री पत्र या दस्तावेज के पक्षकार भी नहीं थे। उन्होंने कहा कि चूंकि वह एक मराठी-हिंदी फिल्म अभिनेता हैं सुजाता फार्म्स ने उन्हें अनुरोध किया कि वह अपने नाम और सेलीब्रेटी दर्जे का इस्तेमाल कंपनी को परियोजना को बढ़ावा देने के लिए करने दें और उसने 1997 में उन्हें एक छोटे मानदेय की पेशकश की।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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