नेपाल में यति एयरलाइन का विमान दुर्घटनाग्रस्त, 68 लोगों की मौत

काठमांडू, नेपाल का एक यात्री विमान पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते समय रविवार को नदी घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे कम से कम 68 लोगों की मौत हो गई। एक बचाव अधिकारी ने यह जानकारी दी। विमान में पांच भारतीय नागरिकों समेत 72 लोग सवार थे।

नेपाल के नागर विमानन प्राधिकरण (सीएएएन) ने बताया कि यति एअरलाइन के 9एन-एएनसी एटीआर-72 विमान ने पूर्वाह्न 10 बजकर 33 मिनट पर काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते वक्त विमान पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

सीएएएन की समन्वय समिति, खोज एवं बचाव के एक अधिकारी ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अभी तक दुर्घटनास्थल से 68 शव बरामद किए जा चुके हैं।’’

अधिकारी ने कहा कि शवों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। साथ ही उन्होंने कहा कि चार और शव बरामद करने के प्रयास जारी हैं। विमान में पांच भारतीय, चार रूसी, दो कोरियाई के अलावा ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, अर्जेंटीना, इजराइल के एक-एक नागरिक सवार थे।

विमान में सवार पांच भारतीयों की पहचान अभिषेक कुशवाहा, विशाल शर्मा, अनिल कुमार राजभर, सोनू जायसवाल और संजय जायसवाल के रूप में हुई है।

यति एयरलाइन के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा कि अभी तक किसी के जीवित बचने की कोई सूचना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘पोखरा में मौसम बिल्कुल ठीक था और विमान का इंजन भी अच्छी स्थिति में था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम नहीं जानते कि हवाई जहाज को क्या हुआ।’’

अधिकारियों ने कहा कि चार और शव बरामद करने के प्रयास जारी हैं।

हालांकि, कुछ स्थानीय मीडिया की खबरों में कहा गया कि विमान उतरते समय ज्यादा मुड़ गया था, जो दुर्घटना का कारण हो सकता है। यह चीनी कर्ज के तहत बनाया गया एक नया हवाई अड्डा है और अभी दो हफ्ते पहले इसका उद्घाटन किया गया था।

भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘काठमांडू से उड़ान भरने के बाद यति एअरलाइन का एक एटीआर-72 विमान पोखरा हवाई अड्डे के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया। नेपाल के नागर विमानन प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार इस विमान में पांच भारतीय नागरिक भी सवार थे। बचाव अभियान जारी है।’’ ट्वीट में कहा गया कि दूतावास स्थानीय प्राधिकारों के संपर्क में है और स्थिति पर नजर रख रहा है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘नेपाल के पोखरा में हुए विमान हादसे के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ। हमारी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं।’’ जयशंकर ने भारतीय दूतावास के हेल्पलाइन नंबर भी साझा किए।

‘हिमालयन टाइम्स’ अखबार ने कास्की जिले के मुख्य जिला अधिकारी टेक बहादुर केसी के हवाले से बताया कि विमान सेती नदी घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हुआ और अभी बचाव अभियान चल रहा है। यात्रियों में तीन नवजात और तीन बच्चे भी थे।

प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने दुर्घटना के बाद मंत्रिपरिषद की आपात बैठक बुलाई। रविवार दोपहर को हुई बैठक में यति एयरलाइन के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना में लोगों की मौत पर शोक जताने के लिए 16 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का फैसला किया गया।

प्रचंड ने हादसे पर दुख जताया और गृह मंत्रालय, सुरक्षाकर्मियों तथा सभी सरकारी एजेंसियों को तत्काल बचाव एवं राहत अभियान चलाने का निर्देश दिया है।

सरकार ने दुर्घटना की जांच के लिए संस्कृति, पर्यटन और नागर विमानन मंत्रालय के पूर्व सचिव नागेंद्र घिमिरे के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रत्येक घरेलू एयरलाइन के विमान के उड़ान भरने से पहले कड़ाई से जांच हो।

विमान दुर्घटना के बाद पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आज वहां आने वाली तथा वहां से जाने वाली उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई तस्वीरों और वीडियो में दुर्घटनास्थल से धुएं का गुबार उठता दिख रहा है। हादसे के तुंरत बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया।

बहरहाल, पुलिस ने कहा कि पर्याप्त श्रमबल तैनात करना संभव नहीं था। पुलिस ने बताया कि आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, क्योंकि अग्निशमन उपकरण खाई तक नहीं पहुंच सका, जहां यह हादसा हुआ।

कास्की के पुलिस प्रवक्ता ज्ञान बहादुर खडका ने कहा कि दुर्गम स्थल होने के कारण बचाव अभियान में दिक्कत आ रही है। पोखरा में विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद दुर्घटनास्थल के आसपास बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए।

खडका ने कहा कि इससे बचाव प्रक्रिया में बाधा आई। उन्होंने कहा, ‘‘हजारों लोगों की भीड़ है। भीड़ के कारण बचाव अभियान में दिक्कत आई और एम्बुलेंस तथा दमकल की गाड़ियों को भी वहां पहुंचने में दिक्कत आई।’’

नेपाल का अचानक बदलते मौसम और दुर्गम स्थानों पर बनी हवाई पट्टियों के कारण विमान दुर्घटनाओं का बेहद खराब रिकॉर्ड रहा है।

देश में पिछली बड़ी विमान दुर्घटना पिछले साल 29 मई को हुई थी, जब तारा एअर का एक विमान पर्वतीय मुस्तांग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें एक भारतीय परिवार के चार सदस्यों समेत इसमें सवार सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी।

वर्ष 2016 में, इसी एयरलाइन का एक विमान इसी मार्ग पर उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सवार सभी 23 लोगों की मौत हो गई थी। मार्च 2018 में, त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमान दुर्घटना में 51 लोगों की मौत हो गई।

सितंबर 2012 में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग करते समय सीता एयर का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई थी। पोखरा से जोमसोम उड़ान भरते समय एक विमान 14 मई 2012 को जोमसोम हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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